पीएम मोदी ने शुरू की 'राशन आपके द्वार' योजना, कहा- आज आदिवासियों के लिए बड़ा दिन
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी नेता और महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि हमें आदिवासियों से सीखना होगा। उन्होंने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए बहुत बड़ा दिन है। पीएम मोदी ने कहा कि देश कमलापति के योगदान को भी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने आदिवासियों को प्राथमिकता नहीं दी।
आदिवासी सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा- मैंने उन गानों को समझने की कोशिश की, क्योंकि यह मेरा अनुभव रहा है कि मैंने आदिवासियों के बीच जीवन का एक महत्वपूर्ण दौर बिताया है। मैंने देखा है कि उनकी हर बात में ज्ञान का कोई न कोई तत्व जरूर होता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपने नृत्य गीतों में, अपने गीतों में, अपनी परंपराओं में जीवन का उद्देश्य बखूबी पेश करते हैं।
पीएम मोदी ने "राशन आपके द्वार" योजना की शुरुआत की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतलाम जिले में बनने वाले एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में राशन आपके ग्राम योजना और हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की शुरुआत की।
एक आदिवासी समाज के रूप में, प्रधान मंत्री मोदी को एक टोपी पर रखा गया और तीर और धनुष भेंट किया गया। इसके साथ ही पीएम मोदी रीमॉडेल्ड रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे। इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रांची में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आजादी के इस अमृत में देश ने तय किया है कि देश भारत की आदिवासी परंपराओं, वीरता की गाथाओं को और भी भव्य पहचान देगा। इसी क्रम में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है कि आज से देश हर साल 15 नवंबर यानी भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाएगा। पीएम मोदी ने कहा, हमारे जीवन में कुछ दिन बहुत सौभाग्य से आते हैं, और जब ये दिन आते हैं, तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी आभा, उनकी रोशनी को अगली पीढ़ियों तक और अधिक भव्य कमरे में ले जाएं। आज का दिन पुण्य का ऐसा अवसर है।

आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो 
यहां क्लिक करें


विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं