नववर्ष की पहली सुबह बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में सुबह चार बजे भगवान भगवान की भस्म आरती के साथ नववर्ष की शुरुआत हुई। इस अवसर पर देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी बढ़ गई कि मंदिर प्रबंधन को गर्भगृह और नंदी गलियारे में प्रवेश बंद करना पड़ा. ऐसे में बाबा के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं को नंदी हॉल के पीछे लगी रेलिंग से हाजिरी लगाकर लौटना पड़ा। नए साल के पहले दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की और देश, समाज व परिवार में सुख-शांति की कामना की।

पिछले साल के मौके पर बाबा महाकाल की भस्म आरती सुबह 4 बजे की गई। इसके बाद बाबा ने खुले दिल से भक्तों को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर महाकाल मंदिर में विशेष सजावट की गई। चूंकि आगंतुकों की संख्या लंबे समय तक नियंत्रण से बाहर हो गई थी, सभी और विविध नंदी हॉल के पीछे रेलिंग के पास रुक गए। यहां से सभी भक्तों ने भगवान भोले नाथ के दर्शन किए। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को भस्मी खाते देख श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि इस अवसर पर पुरोहितों ने पहले भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया, फिर भस्म ग्रहण की। इसके बाद दूध, दही, शहद, शक्कर और फलों के रस से भगवान का अभिषेक कर पंचामृत का पूजन किया। पूजा के बाद भगवान को सूखे मेवे और भांग से सजाया गया।

850 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात
नववर्ष पर बाबा महाकाल के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे। एसएसपी सत्येंद्र शुक्ला ने बताया कि साल के पहले दिन मंदिर में भारी भीड़ जमा होने की संभावना थी। इसलिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दो जनवरी की सुबह तक यहां हर चीज पर पुलिस नजर रखेगी। इसके लिए कुल 850 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इनमें 500 पुलिसकर्मी मशीन से काम चला रहे हैं, वहीं 350 पुलिसकर्मियों को मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

70 क्विंटल लड्डू प्रसादी बनाई
मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले बेसन के लड्डू बनाने के साथ ही लगभग 70 क्विंटल लड्डू प्रसाद की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के मंदिर में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए अनूठी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा मंदिर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। श्रद्धालुओं को सलाह देने के लिए 6 सहायता केंद्र बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा समूह और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी।

गणेश मंडपम से दर्शन
चूंकि वर्ष का पहला दिन रविवार है, इसलिए मंदिर में भारी भीड़ होती है। दर्शन मशीन को श्रद्धालुओं के लिए सुगम बनाने के साथ ही पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। आजकल सभी भक्तों को गणेश मंडपम से ही बाबा महाकाल के दर्शन कराये जाते हैं। नववर्ष पर सुबह आठ बजे तक महाकालेश्वर मंदिर में दो से तीन लाख श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए आ चुकी है। इस साल 5 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर समिति व जिला प्रशासन ने व्यापक स्तर पर व्यवस्था की है। महाकाल लोक निर्माण के बाद से ही मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की भीड़ कई गुना बढ़ गई है। इस वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ के नुकसान की सूचना है।

आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो 
यहां क्लिक करें


विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं