इंदौर । खाद्य सुरक्षा विभाग का विगत 5 माह की कार्रवाई का विवरण स्वस्थ्य मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने जारी किया। जिसमें बताया गया कि प्रदेश के इतिहास में अब तक कि सबसे सटीक और प्रभावी कर्रवाई हुई है। 40 मिलावटी समान बेचने वालों के विरुद्ध रासुका की कार्रवाई की गई है। 100 से अधिक खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। प्रदेश में यह अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई है जो लगातार जारी है। मुख्यमन्त्री श्री कमलनाथ ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को सरकार की सबसे महत्ती कार्रवाई बताया है और उसे लागतार जारी रखने का निर्देश दिए है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि जुलाई से आरम्भ इस अभियान में 10 हजार 793 से अधिक नमूने जांच के लिये भेजे गए है । बिभिन्न लैब से 3 हजार 800 से अधिक जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। 1400 से अधिक नमूने फैल पाए गए है। जिनमे 835 प्रकरण सम्बन्धित न्यायालयों में भेजे गए हैं। 4 करोड़ 56 लाख रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया है, 24 करोड़ रुपए मूल्य की कीमत का दूषित मिलावटी समान की जप्ती की गई है । 25 लाख रुपए के दूषित एवम मिलावटी खाद्य पदार्थो को नष्ट कराया गया है। प्रदेश में दूध और दूध से बने समान के 2500 से अधिक नमूने लिए गए उनकी जांच कराई जा रही है। जिनके नमूनों में मिलावट और अमानक पाए गए है उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में आम जनता से मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित करवाई कराई जा रही है। शिकायत के कुछ देर में ही खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकरी सेम्पलिंग की कर्रवाई कर रहे है। अभी हाल में ही राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में आये प्रतिभागियों के लिए मप्र पर्यटन के द्वारा नाश्ता और भोजन का प्रबंध किया गया था उसकी भी खाद्य सुरक्षा अमले से प्रतिदिन जांच कराई गई है।
प्रदेश में बिकने वाले प्रत्येक खाद्य सामग्री की जांच के निर्देश विभाग को दिए गए है। स्वास्थ मंत्री ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग की कर्रवाई को और प्रभावी करने के लिए 5 नई प्रयोगशालायें ,,इंदौर, जबलपुर, सागर, उज्जैन और ग्वालियर में एक साल में शुरू हो जाएगी। जिससे खाध विभाग की जांच रिपोर्ट 3 दिनों में ही प्राप्त हो जाया करेंगी। अभी 2 चलित प्रयोगशाला संचालित हो रही है राज्य सरकार 12 नवीन चलित खाध प्रयोगशाला शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है