नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने और कोरोनो वायरस लॉकडाउन के दौरान घर लौटने वाले लाखों मजदूरों को रोजगार में मदद करने के लिए शनिवार सुबह “गरीब कल्याण रोज़गार अभियान” की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया जिले से कार्यक्रम का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि यह “प्रवासी श्रमिकों” से प्रेरित था, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान घर जाने का प्रयास किया और सरकार की खूब आलोचना की गई। पीएम मोदी ने कहा, “प्रवासियों को उनके घरों के पास नौकरी दी जाएगी। अबतक आप शहरों की प्रगति के लिए अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर रहे थे। अब आप अपने गांवों, अपने आस-पड़ोस के विकास में मदद करेंगे।”
पीएम मोदी ने कहा, “आज यह योजना बिहार के खगड़िया से शुरू की जा रही है। हमारा उद्देश्य लोगों को उनके घरों के पास आजीविका प्राप्त करने में मदद करना है।” गरीब कल्याण रोज़गार अभियान कार्यक्रम में 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्यों के माध्यम से बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है।
6 राज्यों के 116 जिलों में शुरू हुई योजना
यह योजना छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू की गई है, जिनमें से प्रत्येक जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं। इस योजना की शुरूआत बिहार के अलावा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा और झारखंड में की गई है। इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों तक रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे।
कराए जाएंगे ये 25 कार्य
बता दें कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 25 तरह के कार्यों को शामिल किया है। कार्यों की सूची में सामुदायिक शौचालय, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग निधि से करवाए जाने वाले कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य, जल संरक्षण, कुओं का निर्माण, पौधारोपण, बागवानी, आंगनवाड़ी केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाए रेलवे का काम, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना को शामिल किया गया है।
देश के 116 जिलों में लौटे तकरीबन 67 लाख प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों तक आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए प्रधानमंत्री ने शनिवार को जिस ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया, उसमें भारत नेट के तहत फाबर ऑप्टिक केबल बिछाना, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री उर्जा गंगा परियोजना, कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से आजीविका के लिए प्रशिक्षण, जिला खनिज निधि के तहत कार्य, ठोस व तरल कचरा प्रबंधन कार्य, तालाब, पशुशाला, बकरियों व मुर्गों के लिए सायबान, वर्मिकंपोस्ट के कार्यों को भी शामिल किया गया है।