खंडवा रोड पर एक ही परिवार के तीन सहित चार लोग घायल, 23 घंटे बाद ट्रैंक्युलाइज कर पकड़ा तेंदुआ
इंदौर। रालामंडल सेंचुरी से निकला तेंदुआ बुधवार रात लिंबोदी स्थित रहवासी इलाके में घुस गया। उसने हमला कर चार से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया। इनमें एक ही परिवार के तीन लोग शामिल हैं। इसके बाद 23 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दूसरे दिन गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे तेंदुए को बेहोश करके पकड़ लिया गया। हालांकि, इलाके में अब भी दहशत के कारण लोग घरों से नहीं निकल रहे। बिल्कुल कर्फ्यू जैसे हालात हैं।
बुधवार को रालामंडल से निकला तेंदुआ खंडवा रोड पर न्यू रानीबाग क्षेत्र की शिवधाम कॉलोनी में देखा गया था। गुरुवार सुबह जब सर्चिंग हुई, तो वह लिंबोदी क्षेत्र में मिला। वन विभाग की टीम जब उसके पीछे भागी, तो वह खेमराज राठौर के घर में जा घुसा। इस समय खेमराज बाथरूम में नहा रहे थे। उनकी पत्नी पदमा किचन में खाना बना रही थी। तेंदुए ने उनकी पत्नी पर पीछे से वार किया। उनकी पीठ पर खरोंच आई हैं। पत्नी की चीख सुनकर खेमराज बाथरूम से निकले तो तेंदुए ने उन्हें भी घायल कर दिया। इसके बाद तेंदुआ पीछे के दरवाजे से निकलकर पड़ोस में बन रहे एक मकान में घुस गया। यहां चौकीदार सुखलाल के नाती-नातिन खेल रहे थे। तेंदुए ने एक नातिन का सिर मुंह में दबा लिया। बच्ची की मां चीखी तो वह बच्ची को छोड़कर चौकीदार पर लपका और उसका हाथ अपने जबड़े में भर लिया।
इस घटना के दौरान आरती शुक्ला, उनके पति सुकराज शुक्ला और उनकी सात महीने की बेटी को भी चोटें आई हैं। आरती को सिर में और सुकराज को हाथ में चोंट है। हालांकि, ये तीनों तेंदुए के हमले में घायल हुए है या फिर भगदड़ में, अभी साफ नहीं हु है। यहां कुछ लोग डंडे लेकर भी पहुंच गए थे। इसी दौरान वन विभाग के एक अधिकारी भी घायल हुए हैं।
वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। टीम द्वारा ट्रैंकुलाइज गन भी तैयार की गई थी। जैसे ही, गन को अधिकारियों ने चलाया तो इसकी आवाज से तेंदुआ उछलकर बाहर आ गया और दहाड़ते हुए तुरंत अंदर भाग गया। बाद में उसे ट्रैंकुलाइज करके बेहोश किया गया और पिंजरे में बंद कर दिया गया। उसे इलाज के बाद जंगल में छोड़ा जाएगा।