बच्चों को जरूरत के अनुरूप दें भोजन

इंदौर। पोषण और आहार विशेषज्ञ प्रेरणा पावेचा का कहना है कि बच्चों के आहार में प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक, आयरन, विटामिन सी और ए तथा फैट का शामिल होना जरूरी है। बात अगर प्रोटीन की करें तो यह बच्चों के विकास और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। दूध, पनीर, दालें, सोयाबड़ी, राजगीरा, सिंघाड़ा, मोरधान, बादाम में प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम बच्चों के आहार का दूसरा जरूरी तत्व है। यह दूध, दही, पनीर, दूध से बने अन्य पदार्थ और सेवफल से प्राप्त होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और त्वचा को बेहतर बनाए रखने के लिए विटामिन सी का सेवन जरूर कराएं। यह आंवला, नीबू अन्य खट्टे फल व हरी सब्जी में होता है। पीले और लाल रंग की सब्जी व फलों में विटामिन ए प्रचूर मात्रा में होता है। विटामिन ए आंखों के लिए तो आवश्यक है ही, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
विटामिन ए का आम, गाजर, पपीता, कद्दू, चुकंदर बेहतर स्त्रोत है। शरीर में रक्त की कमी नहीं हो इसके लिए आयरन का सेवन बच्चों को कराना चाहिए। आयरन टमाटर, पालक, गाजर, चुकंदर, अनार, गुड़, अंजीर, मुनक्का व आम में पाया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जिंक भी जरूरी है। जिंक हरी पत्तेदार सब्जी में होता है। बच्चों के विकास में वसा का भी महत्वपूर्ण स्थान है। वसा की पूर्ती मक्खन, मक्खन, चीज, देसी घी, पिनट बटर, तिल्ली, मूंगफली से करें। चूंकि बच्चे शारीरिक श्रम ज्यादा करते हैं इसलिए उन्हें ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा उन्हें गुड़, खजूर, सूखे मेवे, फलों का रस, नारियल पानी, शहद, गन्ने से मिलती है। बच्चों को जंकफूड से दूर रखें इनसे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।