एमपी बोर्ड 12वीं परीक्षा भी रद्द, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- बच्चों की जिंदगी हमारे लिए अनमोल


 इंदौर। मध्य प्रदेश बोर्ड कक्षा 12 की परीक्षा रद्द कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके निर्देश दिए हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण की बढ़ते दर और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया था। इसके बाद से ही मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बारहवीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने के फैसले के कयास लगाए जा रहे थे।  
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने 12वीं बोर्ड परीक्षा से संबंध में अंतिम फैसला लेने के लिए बुधवार को बैठक बुलाई थी। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहमति और निर्देशानुसार, परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 वीं बोर्ड के रिजल्ट किस प्रकार आएंगे इसके लिए मंत्रियों का एक समूह बना दिया गया है जो विशेषज्ञों से बात कर रिजल्ट का तरीका तय करेगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर 12वीं का कोई बच्चा बेहतर परिणाम या सुधार के लिए परीक्षा देना चाहेगा तो उसके लिए विकल्प खुला रहेगा। यानी की परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्र परीक्षा दे सकेंगे। 
बता दें मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं एक मई से आयोजित की जानी थी, लेकिन तब कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।  इससे पहले 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी। 10वीं के छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम तैयार किया जा रहा है।
ऐसे तैयार होगा कक्षा 10वीं बोर्ड का परिणाम
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पहले ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 की 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। कक्षा 10वीं के विद्यार्थियों का परिणाम अर्धवार्षिक परीक्षा या प्री-बोर्ड परीक्षा, यूनिट टेस्ट और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। बता दें कि एमपी बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं 30 अप्रैल से 19 मई तक आयोजित होनी थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन्हें रद्द करना पड़ा था।

सीबीएसई और आईएससी की 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द 
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में बड़ा फैसला किया गया था। बैठक में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने पर सहमति बनी थी। इसके साथ ही आईएससी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। बैठक में यह भी सहमति बनी कि यदि पिछले साल की तरह कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें परीक्षा में बैठने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। 

छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। बारहवीं कक्षा के परिणाम समयबद्ध तरीके से और अच्छी तरह से तैयार किए जाएंगे। हमारे छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर जो चिंता है उसे दूर किया जाना चाहिए। ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। 


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