इंदौर। कोरोना के कारण लगे लाकडाउन से पहले ही लोग परेशान हैं, उस पर भी शहर के कई स्कूलों ने आगामी सत्र 2021-22 के लिए अपनी फीस में इजाफा कर दिया है। इससे पालकों की परेशानी बढ़ गई हैं। पालकों का कहना है कि बीते साल भी स्कूलों ने आनलाइन की पढ़ाया, जबकि इस साल भी आनलाइन पढ़ाई होनी है, तो स्कूलों ने फीस क्यों बढ़ाई है। इसके लिए वे लोग मुख्यमंत्री को शिकायत करने जा रहे हैं
जाग्रत पालक संघ के चंचल गुप्ता ने बताया कि शहर के कई स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है। कई स्कूलों ने पालकों को मैसेज भी कर दिए है। बीते पूरे साल आनलाइन क्लास लगी है, जबकि जिन स्कूलों में 1 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है, वहां पर भी आनलाइन क्लास लग रही है। यहां पर भी फीस बढ़ा दी गई है। गुप्ता के अनुसार स्कूल पूरी तरह से हाइकोर्ट के आदेश का उल्लघंन कर रहे है। बीते साल नवंबर में हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया था, जिसमें स्कूल बीते साल केवल टयूशन फीस ले सकेंगे।
जब हालात सामान्य हो जाएंगे और स्कूलों में कक्षाएं लगने लगेंगी। तब राज्य शासन के निर्णय अनुसार समिति बना कर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस में वृद्धि कर दी है। कई स्कूलों से 10 से 30 प्रतिशत तक की फीस बढ़ा दी है। इस मामले में सहोदय से जुडे पदाधिकारियों ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि सरकार ने बीते सत्र के लिए आदेश दिया था। बीते साल कोई फीस नहीं बढ़ाई गई, लेकिन इस साल कोई निर्देश नहीं आए है, इसलिए हर स्कूल ने अपने हिसाब से फीस बढ़ा ली हैं।
बीते सत्र के परिणाम भी रोके
जानकारी के अनुसार शहर के कई स्कूलों ने बीते सत्र की फीस नहीं भरने से बच्चों के परीक्षा परिणाम रोक लिए है। इसको लेकर कई स्कूलों में हंगामा हो चुका है। बीते दिनों कलेक्टर और सांसद से पालकों ने इसकी शिकायत भी की थी। लाकडाउन से पालकों के आर्थिक हालात पहले ही खराब है।
ऐसे हुआ खेल
शहर के अधिकांश स्कूल नए सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया अक्टूबर से ही शुरु कर देते हैं। वहीं से नए सत्र के लिए फीस का निर्धारण हो जाता है। इसके अलावा वहां पढ़ने वाले बच्चे जब अगले साल दूसरी कक्षा में जाते है, तो उनकी नई कक्षा के हिसाब से फीस बढ़ा दी जाती है। जब नए सत्र खुलेंगे तब पालकों को इस बात की जानकारी मिलेगी कि उनके बच्चों की फीस बढ़ गई हैं।
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