चार घंटे में ही वैक्सीन वायल को करना होगा इस्तेमाल




नई दिल्ली। कोरोना महामारी के इस संकट काल में वैक्सीन आवश्यक ही नहीं, बल्कि बहुमूल्य स्वास्थ्य वस्तु है। ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की बर्बादी को कम से कम करना अत्यंत आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वैक्सीन की एक वायल यानी शीशी खुलने के बाद चार घंटे के भीतर उसका इस्तेमाल हो जाना चाहिए।

कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन की बर्बादी एक फीसद से नीचे लाने पर उसकी तरफ से जोर दिया जाना अनुचित और अवांछनीय है, मंत्रालय ने कहा कि कई राज्यों ने टीकाकरण कार्यक्रम को इस तरह से आयोजित किया है, जिससे वैक्सीन की बर्बादी ही नहीं रुकी है, बल्कि निगेटिव बर्बादी हुई है यानी एक वायल से उम्मीद से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा, 'इसलिए, वैक्सीन की बर्बादी एक फीसद या उससे कम होने की उम्मीद बिल्कुल भी अनुचित नहीं है। यह उचित, वांछनीय और प्राप्त करने योग्य है।'


हर वायल पर उसके खोलने की तारीख और समय का जिक्र हो
देश में मौजूदा टीकाकरण कार्यक्रम में वैक्सीन की शीशी खुलने के बाद इसके इस्तेमाल को लेकर कोई नीति नहीं है, इसलिए उसे एक निश्चित समय में खत्म करने की कोशिश की जाती है। अब मंत्रालय ने टीका लगाने वालों को सलाह दी है कि वो हर वायल पर उसको खोलने की तारीख और समय का उल्लेख करें और एक बार वायल खुल जाने के बाद चार घंटे के भीतर उसका पूरी तरह से इस्तेमाल करें।

एक केंद्र पर कम से कम 100 लोगों को लगे टीका
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र की तरफ से यह भी सलाह दी गई है कि प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर प्रतिदिन कम से कम 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाए। दूर दराज के इलाकों में लाभार्थियों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वैक्सीन की बर्बादी नहीं हो। इसके लिए जब टीका लेने वालों की पर्याप्त संख्या हो जाए, तभी टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाए।

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