नई दिल्ली। मानसूनी बारिश के चलते महाराष्ट्र का हाल बेहाल है। पिछले दो दिनों में 129 लोग बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं पर चढ़ गए और कई मलबे के नीचे दब गए। महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार रात कहा कि भूस्खलन में इन लोगों की मौत हुई है, बारिश-बाढ़ सस्ता है।
महाराष्ट्र की मुश्किलें अभी नजर नहीं आ रही हैं। अगले 24 घंटे का पूर्वानुमान जारी करने वाले मौसम विभाग के मुताबिक, महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में आज इसे देखा जा सकता है।
महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक, दक्षिण कर्नाटक के तटीय इलाकों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। महाराष्ट्र के बाद सड़कों पर बहुत ज्यादा पानी भरने की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
रायगढ़ में भूस्खलन, 44 की मौत, फंसे होने की आशंका
भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र के तटीय रायगढ़ जिले के एक गांव में तलाई के पास भूस्खलन हुआ है, जिसमें 44 लोगों की मौत हो गई है. शुक्रवार को 32 शव मिले। वहीं बाकी गांव गांवों से मिले। जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा था, ''महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन की 2 अलग-अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई. 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में हैं.' इसी तरह रत्नागिरी जिले में भी भूस्खलन हुआ है। मलबे में 10 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
पीएम मोदी, सीएम उद्धव ठाकरे ने की आर्थिक मदद की घोषणा
रायगढ़ जिले में हुए हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया था। इसके साथ ही उन्होंने जान गंवाने वालों के परिवार को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों के परिजनों को पांच से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की बात कही है।
वायुसेना कर रही मदद, अब नौसेना भी आएगी
महाराष्ट्र में राहत और बचाव कार्य के लिए वायुसेना के दो MI-17 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा दो MI-17V5 को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। अब शनिवार को भारतीय सेना और नौसेना की 6 टीमें बचाव कार्य में शामिल हो सकती हैं। भारतीय तटरक्षक बल को पहले ही महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के तटीय इलाकों में आपदा राहत की सात टीमों में तैनात किया जा चुका है।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के 6 जिलों के लिए रेड अलर्ट किया है। इसमें रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधु गार्ड, पुणे, सतारा और कोल्हापुर शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस बारिश से 54 गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। 821 आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। कोल्हापुर के 40 हजार से अधिक लोगों को ही दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना पड़ा है।
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