अध्ययन में पीवीसी से बने विभिन्न प्रकार के नोट, सिक्के और बैंक क्रेडिट कार्ड स्टेनलेस स्टील की सतह पर रखे गए। विशेषज्ञों ने उन्हें गैर-हानिकारक कोरोना वायरस के साथ-साथ कोविड-19 के लिए जिम्मेदार SARS-CoV-2 वायरस से भी संक्रमित किया।
अध्ययन में पाया गया कि स्टील की सतहों पर वायरस सात दिनों तक बना रहा, लेकिन नोट और सिक्कों पर दो से छह दिनों में गायब हो गया। एक घंटे तक ही टिक सकता है पांच सेंट के तांबे के सिक्के पर वायरस। वैज्ञानिकों ने पाया है कि नोटों या सिक्कों से SARS-CoV-2 वायरस फैलने का खतरा न के बराबर है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब चीन में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1500 से अधिक हो गई थी, तो चीन के सभी बैंकों को संभावित कोरोना संक्रमित नोटों को वापस लेने और उन्हें सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया था। पहले किए गए एक अन्य अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस कांच और प्लास्टिक की सतहों की तुलना में कपड़े और कागज पर कम दिनों तक जीवित रह सकता है।
इस साल की शुरुआत में IIT मुंबई के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि कोरोना कागज और कपड़े पर कांच और प्लास्टिक की सतहों की तुलना में कम दिनों तक जीवित रह सकता है। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि वायरस कांच पर चार दिन और प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर सात दिनों तक जीवित रह सकता है।
आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें
विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।