गांधी परिवार के बाहर जाएगी कांग्रेस की कमान! कमलनाथ को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें

नई दिल्ली। कांग्रेस परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.  सोनिया के आवास पर हुई बैठक में यूपी महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। सूत्रों की मानें तो कलामनाथ को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो दो दशक से अधिक समय के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व गांधी परिवार से बाहर होगा। 1998 में सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी की बागडोर गांधी परिवार के हाथों में है।
बैठक से अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस निकट भविष्य में पार्टी में बड़े फेरबदल की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है.  2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं। हालांकि इस बीच संगठन के चुनाव को लेकर पार्टी के कई बड़े नेताओं ने खुलकर अपनी आवाज बुलंद की है।
कमलनाथ की पार्टी में अच्छी पकड़ है और वरिष्ठ नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं। 2002 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया।  लंबे समय से गांधी परिवार से करीब से जुड़े रहने वाले कमलाथ की गिनती राहुल गांधी के चहेते नेताओं में भी होती है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से 9 बार के लोकसभा सांसद कमलनाथ को भी 2018 में राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद, कमलनाथ की सरकार मार्च 2020 में गिर गई और एक बार फिर भाजपा ने सत्ता हासिल कर ली। 

कमलनाथ को कमान सौंपकर सोनिया करेंगी एक तीर से दो निशाने?
कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा 2019 से राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहा है, लेकिन खुद राहुल इसके लिए राजी नहीं हैं। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से पार्टी में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। इस बीच पार्टी के करीब दो दर्जन नेता अब खुलेआम संगठन चुनाव की मांग कर रहे हैं। कई लोग तो परोक्ष रूप से यह भी कहते हैं कि पार्टी की बागडोर अब गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति के हाथ में जाए। ऐसे में सोनिया गांधी कमलनाथ को अध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने पर लग सकती हैं। कमलनाथ गांधी परिवार के प्रति बेहद वफादार हैं और इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी पर पकड़ को कमजोर नहीं करेंगे, वहीं दूसरी ओर भाजपा के अलावा कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेताओं के आरोपों को भी कुंद किया जा सकता है, जिनमें कहा जाता है कि कांग्रेस पर एक परिवार का कब्जा है।

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