कोरोना के चलते कर्जदार होते लोग पर नहीं रुक रही मंहगाई की मार- जीतू पटवारी


भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष,मीडिया प्रभारी व पूर्वमंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना के चलते लगातार लोगों के आर्थिक हालत बिगड़ते जा रहे है। जिसके कारण आम लोग कर्ज लेकर जीवन व्यतीत करने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि जुलाई 2017 में जब जीएसटी लागू हुआ तब बेरोजगारी की दर 3.4 प्रतिशत थी और रिटेल मंहगाई दर 2.41थी, वहीं जून 2021 में बेरोजगारी की दर 9.17 प्रतिशत है और रिटेल महंगाई की दर 5.52 प्रतिशत तक पंहुच गयी है।ऐसे में वित्तीय वर्ष 2017-18 के बाद के चार सालों में परिवारों पर लगातार कर्ज बढ़ा है। 
जीतू पटवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है और कोरोना के नए वैरियंट डेल्टा से तीसरी लहर की चिंताएं बढ़ रही है। जिसे लेकर प्रदेश सरकार की तैयारी भी पूर्ण नहीं है। पहली और दूसरी लहर में प्रदेश में जो परिस्थियां बनीं  थी वह किसी से छुपी नहीं है। वहीं कोरोना काल में इलाज, दवाइयों और अन्य जरूरतों के चलते परिवारों में कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जबकि कोरोना महामारी की वजह से व्यापार, व्यवसाय सब ढप पड़ गए है। इस बीमारी ने लोगों को बीमार ही नहीं लगातार कर्जदार बना दिया है। जिसके कारण उनके सामने कई संकट आ खड़े हुए है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई के कारण दूसरे खर्च भी बढ़ गये है। जिसके चलते कर्ज लेकर लोगो को अपना जीवन यापन करने पड रहा है। परिवारों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन सरकार बेपरवाह है।
पटवारी ने कहा कि ऐसे समय में प्रदेश सरकार को मदद के लिए आगे आना चाहिये। उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई, आमदनी घट गई। महंगाई लगातार बढ़ रही है पेट्रोल- डीजल के दाम आसमान छू रहे है। मेडिकल समेत दूसरे खर्चों का बोझ लगातर बढ़ता जा रहा है।  एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक परिवारों पर कर्ज का आंकड़ा सालभर में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP का 37.3% हो गया है! यह पिछले साल 32.5% था! मतलब 01 साल में ही हर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ, 34 हजार से बढ़कर 52 हजार हो गया है। वित्तीय वर्ष  2017-18 में कर्ज का आंकड़ा GDP का 30.1% था! जो चार साल में बढ़कर 37.3% हो गया है! इसका मतलब प्रतिशत के लिहाज से यह आंकड़ा 23% बढ़ा है! पटवारी ने कहा कि कर्ज का अंकगणित जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा, परिवार आर्थिक संकट  में जकड़ते जाएंगे। जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि मोदी जी अब देश समर्थ नहीं असमर्थ हो गया है क्योंकि जीडीपी को स्थिति आपकी सरकार जैसी ही होती जा रही है जिसकी अब कोई साख नहीं बची है।

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