अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर के द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिए वेबीनार आयोजित

इंदौर। जैसा की सर्वविदित है कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा बच्चों में होने की संभावना है, क्योंकि अभी तक बच्चों के लिए कोई टीकाकरण नहीं किया गया है। किस प्रकार बच्चों को आने वाली लहर से सुरक्षित रखा जाए, इस विषय पर शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय, लोकमान्य नगर इंदौर के द्वारा सोमवार को एक वेबीनार आयोजित किया गया  इसमें वेबीनार के मुख्य अतिथि श्री रामकिशोर कावरे, आयुष मंत्री, मध्यप्रदेश शासन एवं विशेष अतिथि प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार कुलपति, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर राजस्थान रहे। कार्यक्रम की शुरुआत धनवंतरी वंदना से की गई। प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार ने बताया कि अभी हाल ही में आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए एवं आयुर्वेद के द्वारा उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैl इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में डॉ देवकीनंदन शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, बरेली उत्तर प्रदेश एवं डॉ रीना पांडे, एसोसिएट प्रोफेसर, ऋषि कुल आयुर्वेद कॉलेज हरिद्वार उपस्थित रहेl दोनों वक्ताओं ने बताया कि हजारों वर्ष पूर्व कश्यप संहिता मैं बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाइयों का वर्णन किया गया है। मुख्य रूप से स्वर्ण प्रशन का प्रयोग पूरे भारतवर्ष में प्रतिमाह पुष्य नक्षत्र के दिन किया जाता है, इसमें बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई पिलाई जाती हैं, उन्होंने बताया कि समाज में माता-पिता अथवा वरिष्ठ व्यक्ति जिस प्रकार का व्यवहार करते हैं, उसी प्रकार का व्यवहार बच्चे अपने जीवन में डालते हैं, इसलिए कोविड-19 रक्षात्मक उपाय मास्क, सोशल डिस्टेंस आदि का प्रयोग लगातार करना पड़ेगा। इस अवसर पर अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज  प्राचार्य डॉक्टर सतीश चंद शर्मा ने बताया महाविद्यालय में लगातार बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का वितरण किया जा रहा है और परामर्श भी दिया जा रहा है। महाविद्यालय के बाल रोग के विभाग अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि कॉलेज में आने वाले बच्चों का वजन लंबाई एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए दवाइयां वितरित की जा रही हैं। वेबीनार के वक्ताओं का परिचय डॉ प्रीति एवं डॉक्टर अखलेश भार्गव के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में वेबीनार टीम के सदस्य डॉक्टर ए पी एस चौहान, डॉ एस के नायक डॉ प्रदीप चौहान एवं महाविद्यालय के सभी शिक्षक, डॉक्टर्स, छात्र-छात्राएं एवं पूरे भारतवर्ष से डॉक्टर उपस्थित रहे। 

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