वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस सुविधा का लाभ ऐसे सभी लोगों को मिलेगा, जो ईपीएफओ में पंजीकृत होंगे।
नौकरी गंवाने वाले लोगों के पीएफ खाते में केंद्र सरकार न केवल कर्मचारी का हिस्सा देगी, बल्कि नियोक्ता कंपनी द्वारा किए गए हिस्से को केंद्र सरकार भरेगी।
ये 2 चीजें हैं जरूरी
साल 2022 तक पीएफ में अंशदान के लिए 2 चीजें जरूरी हैं। ईपीएफओ में पहली इकाई का पंजीकरण और दूसरी कर्मचारी की संगठित क्षेत्र में किसी भी काम पर वापसी। इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्र सरकार उन सभी लोगों के लिए वर्ष 2022 तक नियोक्ता के साथ-साथ कर्मचारी के पीएफ हिस्से का भुगतान करेगी, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी लेकिन बाद में उन्हें केवल छोटे पैमाने पर दिया जाएगा। लेकिन औपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में काम करने के लिए फिर से बुलाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह सुविधा ईपीएफओ में इन इकाइयों के पंजीकृत होने के बाद ही दी जाएगी।
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत घोषणा की थी
केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारियों के लिए 30 जून 2021 तक पीएफ अंशदान का भुगतान करने की घोषणा की थी। 30 जून को इसकी सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले 29 जून को सरकार ने इस योजना की समय सीमा अगले साल 30 जून से बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की ओर से इसका ऐलान किया था। यह योजना नौकरीपेशा लोगों के लिए है, लेकिन आज 21 अगस्त को वित्त मंत्री ने कहा है कि जो लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं, लेकिन काम पर लौट आए हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा।
दिसंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल दिसंबर में ABRY योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत सरकार कर्मचारियों के अनिवार्य भविष्य निधि अंशदान का भुगतान करने के अलावा दो साल के लिए नई नियुक्तियों पर नियोक्ता के अंशदान का भी भुगतान करती है। कोरोना महामारी के बीच देश में नई नियुक्तियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रालय इस योजना की समयसीमा बढ़ाने की तैयारी कर रहा था और ऐसा हो गया।
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