2.72 करोड़ रुपये में खरीदी थी पतंजलि की एक लाख कोरोनिल किट, ठीक होने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं
आरटीआई से खुलासा हुआ है कि हरियाणा सरकार के पास योग गुरु रामदेव की चर्चित कोरोनिल किट के कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, कोरोना महामारी को हराने के लिए राज्य सरकार ने योग गुरु रामदेव के एक लाख प्रसिद्ध कोरोनिल किट खरीदे थे। इन किटों की खरीद पर कोरोना राहत कोष से 2.72 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
पानीपत के आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने 28 मई को आयुष विभाग के निदेशालय में एक आरटीआई दायर की थी।  जन सूचना अधिकारी एवं विभाग के अधीक्षक ने 3 अगस्त के अपने पत्र में राष्ट्रीय आयुष मिशन के प्रदेश प्रभारी डॉ. गुलाम नासिर के हवाले से जानकारी दी है।
बताया गया कि आयुष विभाग में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में कोरोनिल किट की उपयोगिता को लेकर कोई टेस्ट एंड टेस्ट रिपोर्ट नहीं है। कोरोनिल किट के इस्तेमाल से कोरोना नेगेटिव होने वाले मरीजों की सूची और संख्या का भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। सरकार ने कोरोना रिलीफ फंड से 2,72,50,000 रुपये में एक लाख किट खरीदी थी।
इस खरीद में कंपनी ने बाजार में बिकने वाली प्रत्येक किट पर 545 रुपये में सरकार को 50 प्रतिशत की छूट भी दी। खरीद के लिए गठित विभागीय तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी और अन्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली सामग्री  कोरोनिल किट में जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो कोरोना मरीजों के काम आ सकती हैं। आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने कहा कि जब सरकार के पास कोरोना मरीजों पर कोरोनल किट के प्रभावी होने की कोई रिपोर्ट नहीं है तो मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है।

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