शिकायत में कर्मचारी देवेंद्र तोमर ने बताया कि वह सुबह सवा नौ बजे अभयारण्य पहुंचे। यहां के गेट पर खड़े एसडीओ दिनेश वास्केल ने दूसरे गेट पर ड्यूटी लगाई। इस पर तोमर ने बेटी की परीक्षा से आधे दिन की छुट्टी मांगी। एसडीओ ने सहमति जताते हुए चुपचाप ड्यूटी करने को कहा। कुछ देर बाद फिर दोनों के बीच कहासुनी हो गई और एसडीओ गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर कर्मचारी ने तोमर को रिवॉल्वर से गोली मारने की बात कही। एसडीओ भड़क गए और कहा कि मुझे एसटी-एससी एक्ट में फंसाया जाएगा। विवाद के दौरान सरला सनोदिया और विकास योगी भी मौजूद थे। वहीं इस मामले में एसडीओ का ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वह अपनी सफाई दे रहे हैं।
ऑडियो में एसडीओ वास्केल ने कहा कि सुबह गेट पर एक ही महिला वनकर्मी थी जो टिकट काटने के साथ ही पर्यटकों के लिए गेट खोल रही थी। मैंने तोमर को फोन किया और दूसरे गेट पर खड़े होने को कहा। वह थोड़ा बहस करने लगा और कहा कि हम लोग मुरैना से आते हैं।पिस्टल ही लेकर चलते हैं। उनका कहना है कि सारे आरोप झूठे हैं। उसने मामले में एसडीओ से बात करनी चाही तो उसने दोनों मोबाइल नंबर बंद कर दिए। डीएफओ नरेंद्र पांडवा का कहना है कि अगर कर्मचारी ने सीधे मुझसे शिकायत की है तो वह जरूर परेशान होंगे। कार्यशाला होने के बाद से मैंने कोई शिकायत नहीं देखी है। ऐसे में मामले की जांच की जाएगी।
कोई समन्वय नहीं
एसडीओ व वन कर्मियों के बीच तालमेल नहीं है। सूत्रों के मुताबिक वन कर्मियों के प्रति एसडीओ का व्यवहार ठीक नहीं है। इसकी शिकायत कई वन कर्मियों ने डीएफओ पांडवा व सीसीएफ सीएच मोहंता से की है। दो माह में आधा दर्जन वन कर्मियों ने अभयारण्य से स्थानांतरण ले लिया है, जिसमें राहुल दातारे, प्रवीण मणि, विकास चौहान, महिला वनकर्मी सरोज, मुरारी धाकड़, सोहनलाल दासोरिया शामिल हैं। यहां तक कि रेंजर आकांक्षा खट्टरकर का तबादला बैतूल कर दिया गया है। वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कर्मचारियों की समस्या को लेकर सीसीएफ को ज्ञापन दिया है।
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