परमानंद को प्राप्त करने का मार्ग है भागवत कथा- पं. विनोद शास्त्री
इंदौर, विश्वगुरु।
तेजाजी नगर 
स्थित वीर तेजाजी महाराज मंदिर प्रांगण में  श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन कथाश्रवण करने आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए वृंदावन से आये भागवताचार्य पंडित विनोद शास्त्री जी महाराज ने कहा कि इच्छाएं अनन्त है, ये कभी समाप्त नहीं हो सकती, इच्छाओं पर काबू पाने का एक ही मार्ग हैं भगवद्प्राप्ति, अगर आप ईश्वर को प्राप्त कर लेते हैं तो आपकी सारी इच्छाएं समाप्त हो जाती है, आप परमानंद को प्राप्त कर लेते हैं। परमानंद को प्राप्त करने, अलौकिकता को प्राप्त करने का मार्ग ही भागवत कथा है, इसलिए जिसने भी भागवत कथा की ओर अपना ध्यान किया, उसे परमानंद-अलौकिक आनन्द की प्राप्ति हो गई।
श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को कथा व्यास पंडित विनोद शास्त्री ने भगवान कृष्ण के जन्म एवं लीलाओं की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। 
पंडित विनोद शास्त्री ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा।
कथा व्यास ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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