ग्राहकों को मिलेगा विकल्प
दरअसल, इस जांच के दौरान ग्राहकों को यह विकल्प मिलेगा कि वे किस कनेक्शन को जारी रखना चाहते हैं और किसे बंद करना चाहते हैं। यदि ग्राहक सत्यापन के दौरान कोई कनेक्शन सरेंडर करता है, तो उसे काट दिया जाएगा। लेकिन अगर ग्राहक सत्यापन के लिए नहीं आता है तो वह कनेक्शन 60 दिनों के भीतर काट दिया जाएगा। इस अवधि की गणना 7 दिसंबर से शुरू हो गई है।
धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए उठाए गए कदम
आपको बता दें, जिओ के टेलीकॉम सेक्टर में आने के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने जमकर सिम बांटी और बड़े ऑफर्स दिए। खुफिया एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ गिरोह संगठित होकर दूरसंचार सेवाओं का दुरूपयोग कर रहे हैं। वहीं सरकार ने आर्थिक अपराध, ऑटोमेटेड कॉल और धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
टेलीकॉम कंपनियों ने जमकर बांटी सिम
जिओ की मांग बढ़ने के बाद अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने भी कई ऑफर्स देते हुए ग्राहकों को बड़ी संख्या में मोबाइल सिम बांटे। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में जहां बड़ी संख्या में लोग आते-जाते रहते हैं, वहां कंपनी के कुछ लोग ग्राहकों को नए ऑफर्स के साथ अपनी कंपनी का सिम कार्ड लेने के लिए राजी कर लेते थे। लेकिन अब अगर आपने अपने नाम से भी कई सिम कार्ड ले लिए हैं तो ध्यान रहे कि सरकार ने इसकी लिमिट तय कर दी है।
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