पंचायत चुनाव:विधानसभा में संकल्प हुआ पास, बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं होंगे चुनाव
इंदौर। मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है
 सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद अब सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सदन में पेश किया गया। बाद में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को भी बोलने का मौका नहीं दिया।
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर लगातार नए पहलू सामने आ रहे हैं इस संबंध में गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव किया गया था कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं कराए जाएंगे।

कमलनाथ को नहीं दिया गया बोलने का मौका
यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सदन में पेश किया गया, बाद में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हालांकि विपक्ष के नेता कमलनाथ प्रस्ताव के संबंध में सदन में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला इससे नाराज कांग्रेस के सभी विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया इसके बाद 5 बिल बिना चर्चा के विधानसभा में पास हो गए। दूसरा अनुपूरक बजट भी बिना चर्चा के पारित कर दिया गया और सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा
इससे पहले गुरुवार सुबह जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्नकाल से पहले ही सदन में हंगामा हो गया पंचायत चुनाव के नतीजे रोकने के राज्य चुनाव आयोग के आदेश को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा था सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए और उसके बाद 10-10 मिनट के लिए दो बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस विधायक सीट के पास लगातार नारेबाजी कर रहे थे, इस बीच सत्ता पक्ष के सदस्यों और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विपक्ष के नेता कमलनाथ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस का प्रयास था कि ओबीसी को आरक्षण न मिले। अब ओबीसी का हितैषी होने का नाटक कर रहे हैं। ओबीसी के बिना पंचायत चुनाव राज्य के हित में नहीं है। सदन ने संकल्प लिया है कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होने चाहिए। उधर, विपक्ष के नेता कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि कल से एक दिन पहले हमने सदन में संकल्प के बारे में बात की थी। डेढ़ साल पहले ही पंचायत चुनाव होने थे। उपचुनाव तो हुए लेकिन पंचायत चुनाव नहीं हुए। हम रोटेशन के लिए कोर्ट गए। बीजेपी के ये लोग झूठ बोलने में माहिर हैं। वे उन्हें भ्रमित करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

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