कथा में तीसरे दिन उन्होंने शिव विवाह, ध्रुव चरित्र, बामन अवतार आदि की कथा का संगीतमय वर्ण किया। बताया कि किस तरह कश्यप ऋषि व अदिति के पुत्र के रूप में जन्म लेकर किस तरह श्रीनारायण ने राजा बलि से भिक्षा में तीन पग जमीन मांगी। और ढाई पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया। शिव व सती प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया कि किस तरह शिव (पति की) आलोचना सुनने पर सती माता ने अपना शरीर यज्ञ कुण्ड में भस्म कर दिया।
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