कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनावों के संबंध में 2022 के लिए सरकार के परिसीमन को मंजूरी दे दी है। इसके चलते अब ओबीसी आरक्षण के साथ ही राज्य में पंचायत चुनाव भी होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और राज्य चुनाव आयोग को एक हफ्ते में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण 50 फीसदी से ऊपर नहीं जाना चाहिए।
वहीं, 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दो सप्ताह के भीतर पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने को कहा था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मध्य प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएंगे।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि पिछले दो साल से स्थानीय निकायों के करीब 23 हजार पद खाली पड़े हैं। हर पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता है।
हालांकि इस फैसले के बाद शिवराज सरकार ने कहा था कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की। अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव होंगे।
हालांकि इस फैसले के बाद शिवराज सरकार ने कहा था कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की। अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव होंगे।
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