अब महापौर जनता ही चुनेगी, नगर पालिका व परिषद के अध्यक्ष को पार्षद
इंदौर
 
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को वार्डों का आरक्षण हुआ इंदौर नगर निगम के 85 में से 34 वार्ड आरक्षित थे महिलाओं को अलग-अलग कैटेगरी में 85 में से 42 वार्ड मिले हैं। जिस ओबीसी आरक्षण के लिए इतनी परेशानी हुई, उसका वार्ड 21 से घटकर 18 हो गया है।
एससी और एसटी वार्डों में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि ओबीसी की आबादी 21% है, तदनुसार उनके लिए वार्ड आरक्षित किए गए थे। आरक्षण के कारण पिछले निगम में अध्यक्ष सहित सभी एमआईसी सदस्यों के वार्डों में आरक्षण की स्थिति बदल गई है। इस बार नए वार्ड में 40 से अधिक पार्षदों को राजनीतिक जमीन तलाशनी होगी। जिला पंचायत इंदौर, सांवेर, महू, देपालपुर जिला अध्यक्ष व वार्ड के 17 वार्डों का आरक्षण निगम से कराया गया

पहले गृह मंत्री का बयान फिर बने दो अध्यादेश
  1. 14 मई: महापौर और अध्यक्ष दोनों पदों के लिए सीधे चुनाव कराने के लिए एक अध्यादेश राजभवन भेजा गया। अगले ही दिन मंत्रियों और विधायकों के दबाव में इसे वापस बुला लिया गया।
  2. 24 मई: फिर वही अध्यादेश राजभवन गया। संगठन-सत्ता से जुड़े लोगों ने सहमति जताई।
  3. 25 मई: सुबह जब इसका खुलासा हुआ तो गृह मंत्री ने कहा- अध्यादेश राजभवन में नहीं गया। इसके बाद दो अध्यादेश बनाए गए। संगठन के दबाव में मेयर का चुनाव जनता से कराने पर सहमति बनी।
अब तीसरा अध्यादेश, राजभवन को भेजेगा
शहर की सरकार के मुखिया का चुनाव राजनीतिक फ़ुटबॉल बन गया है। महापौर और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव पर दो अध्यादेश वापस ले लिए गए हैं। सरकार ने बुधवार को एक और अध्यादेश जारी किया। इसमें तय किया गया है कि मेयर का चुनाव सीधे जनता करेगी, जबकि पार्षद नपा और परिषद अध्यक्ष का चुनाव करेंगे सूत्र इस नए अध्यादेश को अंतिम मान रहे हैं और इसे राजभवन भेजा जा रहा है। हालांकि देरी होने पर चुनाव आयोग अध्यादेश को खारिज भी कर सकता है।
पिछली परिषद में पार्षद रहे 65 भाजपा नेताओं में से 30 ने बदले वार्ड, 10 वार्डों में परिवार में रह सकते हैं टिकट

बीजेपी...20 से ज्यादा पूर्व पार्षदों के बिगड़े समीकरण, अब उन्हें तलाशने होंगे दूसरे वार्ड
  1. अजय सिंह नरुका: निगम के अध्यक्ष थे। उनकी वार्ड-42 सामान्य महिला हो गई है। वे वार्ड-49 में दावा कर सकते हैं। हालांकि, यहां अन्य दावेदार हैं।
  2. दिलीप शर्मा : वार्ड-43 से पार्षद व एमआईसी सदस्य। वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित है। होम वार्ड 50 का विकल्प है, जो इस बार सामान्य है।
  3. सूरज कैरो- वार्ड-45 से पार्षद व एमआईसी सदस्य। वार्ड महिला बन गई है। वार्ड बदलना होगा।
  4. चंदू शिंदे : वार्ड-25 से पार्षद। उनका वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। पहले भी चार बार वार्ड बदलना पड़ता है। इस बार भी यही स्थिति है।
  5. सुधीर डेडगे : वार्ड-70 से पार्षद। वार्ड सामान्य है। वे ओबीसी वार्ड 72 में संभावना तलाश रहे हैं।
  6. अश्विनी शुक्ला, संतोष सिंह गौर, दीपक जैन : तीनों पूर्व पार्षदों को इस बार अपने वार्ड बदलने होंगे।
कांग्रेस...13 पूर्व पार्षदों को तलाश है नए वार्ड, पूर्व में जीते 15 में से बिसात उलटी
  1. गोलू अग्निहोत्री : वार्ड-1 पिछली बार महिला वार्ड होने के कारण पत्नी प्रीति पार्षद थीं। यह अब सामान्य हो गया है। हालांकि, यहां अन्य नेता दावा कर रहे हैं।
  2. विनीतिका दीपू यादव : वार्ड-10 से पार्षद। वार्ड सामान्य हो गया है। दीपू यादव कर सकते हैं दावा
  3. चिंटू चोकसे : पत्नी 2015 में वार्ड-21 से पार्षद थीं। इस बार वार्ड सामान्य है। आप खुद से लड़ सकते हैं।
  4. फौजिया शेख अलीम: वार्ड-53 से पार्षद और नेता प्रतिपक्ष। इस बार वार्ड अनारक्षित है।
  5. छोटे यादव : वार्ड-55 से पार्षद। लगातार पांच बार पार्षद। इस बार वार्ड महिला बनी है। उन्हें नया वार्ड खोजना होगा।
  6. सर्वेश तिवारी : पत्नी आखिरी बार वार्ड-9 से पार्षद थीं। इस बार वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित है। तिवारी चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हैं।

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