विकसित भारत के पांच संकल्प, भ्रष्टाचार पर प्रहार, महिलाओं के सम्मान की अपील...प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें
नई दिल्ली। 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौवीं बार लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराया। इस मौके पर उन्होंने देश को संबोधित भी किया। भारत की विरासत से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों तक प्रधानमंत्री के भाषण में यहां की एकता और अखंडता का भी जिक्र था। प्रधानमंत्री ने देश की विविधता पर गर्व करने की अपील की। अपने संबोधन के दौरान पीएम ने अगले 25 साल के लिए पांच संकल्प भी लिए। ऐसे में आइए जानते हैं आजादी के इस अमृत पर्व में पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें...

नेहरू-सावरकर का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने कहा, भारत का कोई कोना ऐसा नहीं था, जब देशवासी सैकड़ों वर्षों तक गुलामी के खिलाफ नहीं लड़ते थे। पीएम ने कहा, यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे अनगिनत क्रांतिकारियों का ऋणी है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी, नेहरू जी, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनोबा भावे, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी और आजादी के बाद देश का निर्माण किया। आज वीर सावरकर, नाना जी देशमुख जैसे कई महापुरुषों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है।
विविधता भारत की शक्ति है
पीएम मोदी ने कहा, भारत की विविधता भारत की ताकत है। हमें भारत की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। हम उस भाषा को जानते हों या न जानते हों, लेकिन हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने हमें यह भाषा दी है। उन्होंने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र की माँ। जिनके मन में लोकतंत्र है, जब वे दृढ़ संकल्प के साथ चलते हैं, तो उनकी शक्ति दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए संकट का समय लेकर आती है।

दुनिया का बदलता नजरिया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी के इतने दशकों के बाद भारत के प्रति पूरी दुनिया का नजरिया बदल गया है। दुनिया भारत को गर्व और उम्मीद की नजर से देख रही है। दुनिया भारत की धरती पर समस्याओं का समाधान ढूंढ रही है। दुनिया में ये बदलाव, दुनिया की सोच में ये बदलाव हमारे 75 साल के सफर का नतीजा है।

अगले 25 वर्षों के लिए गिने गए पांच व्रत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब हम 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरे करेंगे तो आइए हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सभी सपनों को पूरा करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, अगले 25 साल देश के लिए बेहद अहम हैं। हमें पंच प्राण की शक्ति पर ध्यान देना होगा। ये हैं पांच व्रत-
1.विकसित भारत
2. गुलामी से मुक्ति
3. विरासत पर गर्व
4. एकता और एकजुटता
5. नागरिकों के कर्तव्य

महिलाओं का सम्मान हर हाल में जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें विकृति मिली है। हम महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं। अपने भाषण में हम महिलाओं का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा, क्या हम प्रकृति में, संस्कृति में, रोजमर्रा की जिंदगी में महिलाओं का सम्मान करने का संकल्प ले सकते हैं? उन्होंने कहा कि देश के सपनों को पूरा करने में महिलाओं का गौरव बहुत बड़ी संपत्ति बनने जा रहा है। इसलिए हर कीमत पर महिलाओं का सम्मान करना जरूरी है। उन्होंने कहा, हम अपनी बेटियों को जो भी अवसर देंगे, हम जो भी सुविधाएं देंगे, वह हमें बहुत कुछ वापस देगी। महिलाओं की मेहनत हमारे सपनों में काम आएगी जिससे हमारी मेहनत कम होगी।

भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद आहत
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें पूरी ताकत से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। हम एक महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर रहे हैं। यह मैं लाल किले की प्राचीर से बड़ी जिम्मेदारी से कह रहा हूं। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। मुझे इसके खिलाफ लड़ना है। मैं आज आपका समर्थन मांगने आया हूं। मैं आपका सहयोग मांगने आया हूं। देश को लूटने वालों को वापस करना होगा। भाई-भतीजावाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "लोग सोचते हैं कि मैं केवल राजनीतिक क्षेत्र के बारे में बात करता हूं। भारत की हर संस्था में परिवारवाद है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। संभावित पीड़ित होते हैं, जिनके पास अवसर होते हैं वे छूट जाते हैं क्योंकि भाई-भतीजावाद का। भाई-भतीजावाद के खिलाफ नफरत पैदा करनी होगी। पारिवारिक राजनीति देश के लिए नहीं, परिवार के कल्याण के लिए है। आइए भारत की राजनीति और सभी संस्थानों की शुद्धि के लिए इससे छुटकारा पाकर आगे बढ़ें।

स्वदेशी मंत्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना है तो स्वदेशी का मंत्र जरूरी है। आज महर्षि अरविंद की जयंती है, उन्होंने स्वराज को स्वदेशी का नारा दिया था। उन्होंने कहा, "आज भारत में बने तोज से लाल किले पर सलामी दी गई है। हमारे कान 75 साल से इस एक आवाज के लिए तरस रहे थे। उन्होंने कहा, आज हमारे पांच-पांच साल के बच्चे संकल्प ले रहे हैं कि विदेशी खिलौनों से नहीं खेलना है।

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