सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर उत्तर-पश्चिम भारत में दिखा
चंद्रमा के पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाने से बना सूर्य ग्रहण देश के उत्तर-पश्चिम राज्यों में सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा था। यहां भी आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखाई दे रहा था, लेकिन यहां 40 से 50 प्रतिशत सूर्य चंद्रमा की छाया में ढका हुआ और ग्रहण में खोया हुआ नजर आया। देश के अन्य हिस्सों में ग्रहण का यह असर कम दिखाई दिया। दिल्ली में करीब 44 फीसदी और मुंबई में 24 फीसदी सूर्य ग्रहण के प्रभाव से ढका देखा गया।
द्वारका में लगा सबसे लंबा सूर्य ग्रहण, दिल्ली-मुंबई में 1 घंटे से ज्यादा का असर
सबसे लंबा सूर्य ग्रहण गुजरात के द्वारका में देखा गया। यहां सूर्य ग्रहण शुरू होने से लेकर सूर्यास्त तक करीब 1 घंटा 44 मिनट 30 सेकेंड तक चंद्रमा की छाया में खोया हुआ मिला। इसके अलावा दिल्ली में सूर्यास्त से करीब 1 घंटा 13 मिनट पहले और मुंबई में 1 घंटा 9 मिनट तक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। देश के अन्य महानगरों में 31 मिनट के लिए चेन्नई में सूर्य ग्रहण देखा गया, जबकि कोलकाता में केवल 12 मिनट के लिए।
दुनिया के इन हिस्सों में दिख रहा सूर्य ग्रहण
दिवाली के एक दिन बाद लगने वाले सूर्य ग्रहण का असर यूरोप, मध्य पूर्व, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, पश्चिम एशिया, उत्तरी अटलांटिक सागर और उत्तरी हिंद महासागर के क्षेत्र में पड़ने वाले सभी देशों में देखा गया।
मध्य प्रदेश में यह शाम 04:26 बजे शुरू हुआ और सूर्यास्त के बाद समाप्त हुआ। यह मध्य प्रदेश के किसी भी जिले, गांव, कस्बे में देखने को मिला। हालांकि सूर्य ग्रहण राज्य के आकाश में आंशिक रूप से ही दिखाई दे रहा था। भारत के नागरिकों के लिए इस ग्रहण का अंत देखना संभव नहीं था क्योंकि ग्रहण समाप्त होने से पहले भारत में सूर्यास्त हो चुका था।
कहाँ, किस समय ग्रहण
इंदौर: आर्थिक राजधानी में ग्रहण शाम 4:42 बजे शुरू हुआ और शाम 5:53 बजे खत्म हुआ। यहां शाम 5:38 बजे सूर्य ग्रहण उच्चतम स्तर पर था। इस दौरान चंद्रमा ने सूर्य के 31.66 प्रतिशत हिस्से को ढक लिया।
उज्जैन : समय गणना की नगरी उज्जैन में यह आंशिक सूर्य ग्रहण उज्जैन में शाम 4:41 बजे शुरू हुआ, जो शाम 5:38 बजे अपने उच्चतम स्तर पर रहा।हालांकि उज्जैन में सूर्यास्त होने के कारण शाम 5.53 बजे के बाद सूर्य ग्रहण नहीं दिखा। यहां ग्रहण की शुरुआत से लेकर सूर्यास्त तक की अवधि एक घंटा 48 मिनट थी।
यहां ग्रहण काल की शुरुआत से सूर्यास्त के समय तक एक घंटा 47 मिनट
भोपाल : राजधानी में सर्वाधिक ग्रहण के समय चन्द्रमा द्वारा सूर्य के आवरण का प्रतिशत 32.19 था, जो इंदौर से अधिक था। भोपाल में सूर्यास्त तक कुल 1 घंटे 47 मिनट तक ग्रहण की स्थिति दिखाई देती रही।
जबलपुर : संस्कारधानी में सर्वाधिक ग्रहण के समय चंद्रमा से सूर्य की आच्छादन का प्रतिशत लगभग 30.31 प्रतिशत रहा। जबलपुर में ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त के समय तक की अवधि 1 घंटा 43 मिनट थी।
उज्जैन : समय गणना की नगरी उज्जैन में यह आंशिक सूर्य ग्रहण उज्जैन में शाम 4:41 बजे शुरू हुआ, जो शाम 5:38 बजे अपने उच्चतम स्तर पर रहा।हालांकि उज्जैन में सूर्यास्त होने के कारण शाम 5.53 बजे के बाद सूर्य ग्रहण नहीं दिखा। यहां ग्रहण की शुरुआत से लेकर सूर्यास्त तक की अवधि एक घंटा 48 मिनट थी।
यहां ग्रहण काल की शुरुआत से सूर्यास्त के समय तक एक घंटा 47 मिनट
भोपाल : राजधानी में सर्वाधिक ग्रहण के समय चन्द्रमा द्वारा सूर्य के आवरण का प्रतिशत 32.19 था, जो इंदौर से अधिक था। भोपाल में सूर्यास्त तक कुल 1 घंटे 47 मिनट तक ग्रहण की स्थिति दिखाई देती रही।
जबलपुर : संस्कारधानी में सर्वाधिक ग्रहण के समय चंद्रमा से सूर्य की आच्छादन का प्रतिशत लगभग 30.31 प्रतिशत रहा। जबलपुर में ग्रहण की शुरुआत से सूर्यास्त के समय तक की अवधि 1 घंटा 43 मिनट थी।
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