इंदौर में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई, बेलेश्वर महादेव मंदिर के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
इंदौर
 रामनवमी के दिन इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी गिरने से कई लोगों की दर्दनाक मौत की खबर सामने आई थी। बता दें कि घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सोमवार की सुबह नगर निगम व पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर के बुलडोजर पर प्रशासन ने सोमवार सुबह से ही बुलडोजर चलाया जा रहा है। 

जानिए कहां कहां हो रही कार्रवाई
आपको बता दें कि झूलेलाल मंदिर में नगर निगम के चार जगहों पर एक साथ बड़ी कार्रवाई हो रही है। इसमें पहली कार्रवाई पटेल, स्नेह नगर गार्डन जहां घटना हुई थी, दूसरी कार्रवाई ढक्कन वाला कुआं, तीसरी कार्रवाई सुखलिया और चौथी कार्रवाई गाड़राखेड़ी में चल रही है 

भारी पुलिस बल तैनात
दरअसल, इंदौर में रामनवमी के दिन 
बेलेश्वर महादेव मंदिर के बावड़ी के गिरने से कई लोगों की मौत के बाद से प्रशासन एक्शन में है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है। इसके बाद सोमवार की सुबह नगर निगम व प्रशासन ने बावड़ी पर बुलडोजर चलवाकर कार्रवाई शुरू कर दी है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। 
रात 12 बजे नोटिस चिपकाया 
मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की आधी रात को मंदिर नोटिस चिपकाया गया। उसी रात जेसीबी डंपर आ गए थे और कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई। हर घर के सामने पुलिस मौजूद रही। बता दें कि जब प्रशासन द्वारा मंदिर पर कार्रवाई करते हुए पहले 
निर्माणाधीन मंदिर की दीवारों को तोड़ दिया गया, फिर आम बावड़ी वाले मंदिर से मूर्तियों को हटाया गया। प्रशासनिक कार्रवाई से आसपास के रहवासी मायूस दिखे।

बावड़ी की छत कैसे टूटी? 
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बावड़ी के ऊपर ही मंदिर का निर्माण किया गया था। पुरानी बावड़ी के ऊपर पटिया रखकर मंदिर बनाया गया था। रामनवमी के दिन मंदिर में हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 100 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे। वहीं कुछ लोग बावड़ी की छत पर खड़े हो गए थे। जानकारी के अनुसार बावड़ी पहले से ही जर्जर हालत में थी और लोगों के वजन के कारण छत टूट गई और कई लोग कुएं में गिर गए। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर अवैध रूप से बनाया गया था। मंदिर के चारों ओर गड्ढे भी खोदे गए थे, जिससे मंदिर की नींव कमजोर हो गई थी। वहीं पूरे मामले की जांच करते हुए आज सुबह ही नगर निगम के टीम ने मंदिर को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी।

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