1किमी दूरी, 2 मिनट का रास्ता, पर आधे घंटे बाद सतपुड़ा भवन पहुंची फायर टीम; 12 हजार फाइलें हुईं जलकर खाक
भोपाल।
दरअसल सतपुड़ा भवन में लगी आग में भले ही 12 हजार रिकॉर्ड, कुर्सियां, टेबल और अन्य फर्नीचर जल गए हों, लेकिन कई ऐसे सवाल हैं जो आग में जलने से बच गए हैं। पहला सवाल यह है कि सतपुड़ा भवन से फायर ब्रिगेड की दूरी केवल एक किलोमीटर है। फायर ब्रिगेड की गाड़ी 1 मिनट 55 सेकंड में वहां पहुंच सकती है, लेकिन आग लगने के करीब आधे घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची।
बता दें कि इस आग से सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य विभाग को हुआ है। स्वास्थ्य विभाग चौथे फ्लोर पर स्थित है। वहां सभी दस्तावेज रखे हुए थे जैसे कि डॉक्टरों का सभी डेटा और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का भी डेटा।
इसके अलावा, यहां प्रदेश से आने वाली स्वास्थ्य से संबंधित शिकायतों की भी रिकॉर्ड थी। घोटालों से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी इसी जगह रखे हुए थे, जैसे कि आयुष्मान घोटाला और दवा घोटाला। इसके अलावा, आदिवासी विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग को भी नुकसान हुआ है।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से दुर्घटना की जांच कराएं- कांग्रेस
फिलहाल कर्मचारियों को यह नहीं पता था कि कार्यालय की छुट्टी है या नहीं, इसलिए वे सतपुड़ा भवन के बाहर ही अधिकारियों के आदेश का इंतजार करने लगे। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री ने कहा है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को इस जांच में शामिल होना चाहिए। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। चुनाव से पहले ही सरकारी इमारतों आग क्यों लगती है? कल प्रियंका गांधी ने जबलपुर में कह कर गईं कि 220 महीनों में 225 घोटाले हुए हैं। इसीलिए इन घोटालों की फाइलें जला दी गई हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव सहित कई अन्य पार्टी नेताओं ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ''सीएम चौहान.. मेरा सीधा सवाल है.. आग लगी थी या लगाई गई है? आमतौर पर माना जाता है कि सरकार ऐसी 'कार्रवाई' चुनाव से पहले सबूत मिटाने के लिए करती है। अब भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि पुरानी आग की घटना में दोषी कौन थे। कितने लोगों को सजा मिली?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि सतपुड़ा भवन में आग लगी या लगाई गई, यह सबसे बड़ा प्रश्न है। कमलनाथ ने इसे एक और भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है। उन्होंने बताया कि 12 हजार फाइलें जली हैं, लेकिन यह अनिश्चित है कि कितनी और फाइलें जली होंगी। उनका सवाल है कि जिन फाइलों को जलाया गया है, उनका उद्देश्य क्या था। यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि यह डिजिटल युग है। सभी फाइलें पुनः बनाई जाएंगी। घटना की उच्चस्तरीय जांच होगी और कमेटी तीन दिनों के भीतर अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्रीय योजनाओं के डेटा को पुनर्सृजन किया जाएगा।
कांग्रेस के आरोपों के खिलाफ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि 4000 कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में पेट्रोल लेकर कौन जाएगा। राजनीति कांग्रेस ही कर रही है हादसों पर। कांग्रेस के सभी आरोप झूठे हैं। आग लगने के कारणों पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आग लगने का प्रारंभिक कारण क्या है, इसकी जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि यह आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी है।

आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें


विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं