MP समेत तीन राज्यों के लिए बीजेपी ने बनाए पर्यवेक्षक, करेंगे सीएम का चयन
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। इन राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को शानदार जीत मिली है। 
मध्य प्रदेश के लिए पर्यवेक्षक के रूप में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण, राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा की नियुक्ति की गई है। ये पर्यवेक्षक मध्य प्रदेश में भाजपा के विधायक दल का गठन और मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने के लिए जिम्मेदार होंगे। राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की नियुक्ति की गई है। छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम की नियुक्ति की गई है।
इन नियुक्तियों के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ये पर्यवेक्षक भाजपा के सर्वसम्मति से निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में भाजपा की सरकारें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम करेंगी।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय को भी मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा ने 163 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें मिली हैं। एक सीट भारत आदिवासी पार्टी ने जीती है। 
पार्टी ने तोमर और पटेल समेत सात सांसदों को चुनावों में उतारा था। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला के निवास सीट पर विधानसभा चुनाव हारे हैं। इसके साथ ही गणेश सिंह को भी सतना में कांग्रेस प्रत्याशी के सामने हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा सीधी की सांसद रीति पाठक (सीधी), जबलपुर के सांसद राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम), होशंगाबाद के सांसद राव उदय प्रताप सिंह (गाडरवारा) में जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जो सांसद विधानसभा चुनाव जीते हैं, उन्हें पार्टी सांसदी छोड़ने को कह सकती है। ऐसे में उन्हें भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार समझा जा रहा है।

शिवराज बोले- जो पार्टी कहेगी वह करने को तैयार
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, वह कुछ समय पहले यह बयान दे चुके हैं कि वह न तो कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे और न ही आज हैं। पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह उन्हें स्वीकार है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि वह दिल्ली नहीं बल्कि छिंदवाड़ा जाएंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने छिंदवाड़ा छोड़कर सभी 28 सीटों पर जीत हासिल की थी।
शिवराज के अलावा पार्टी का कद्दावर ओबीसी चेहरा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी रेस में हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे विजयवर्गीय को भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ाया है। राजनीतिक हलकों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ अन्य नामों को भी मुख्यमंत्री की दौड़ में उम्मीदवार माना जा रहा है।

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