मंदिर परिसर में तीनों करते रहे बातें
बताया जाता है कि अभिषेक ने स्नेहा जाट और उसके मौसेरे भाई दीपक को मुलाकात के लिए स्वामी नारायण मंदिर बुलाया था। तीनों परिसर में आराम से करीब पौने घंटे तक बात करते रहे। इस बीच अचानक अभिषेक ने देसी पिस्टल निकाली। उसने सबसे पहले स्नेहा पर गोली चलाई। लेकिन, पहला फायर उससे मिस हो गया। लेकिन, दूसरे फायर में गोली सीधी स्नेहा को लगी। वह वहीं गिर पड़ी। तीसरी गोली दीपक को लगी तो वह भी वहीं गिर पड़ा। इसके बाद अभिषेक मंदिर के बाहर आया। उसे प्यास लगी तो बगल के अरिहंत कॉलेज में चला गया। वहां उसने पहले पानी पीया और फिर खुद को गोली मार ली।
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