भगवान से मिलने का मार्ग बताती है भागवत कथा -कान्हा जी महाराज
इन्दौर। शरीर नश्वर है, इसलिए इसे विभिन्न रूपों में भागवत भजन के कार्य में ही लगाना उत्तम प्रवृत्ति है। भागवत भजन के जरिए हम सत्य स्वरूप परमात्मा का ध्यान करते हैं। कथा व्यास सनातन धर्म परिषद न्यास के राष्ट्रीय धर्माचार्य कान्हा जी महाराज ने यह बात नेमावर रोड स्थित माली खेड़ी गांव के रेणुका माता मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कही। उन्होंने बुधवार को मन, वासना और कर्म के महत्व से श्रद्धालुओं का परिचय कराया।
श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास कान्हा जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भागवत कथा नेमावर रोड रेणुका टेकरी की तलहटी ग्राम माली खेड़ी में आयोजित की जा रही है। सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास भागवत रत्न आचार्य कान्हा जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया है।
कथा व्यास ने कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए।
हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है 
कथा व्यास ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और भगवान से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मनुष्य को पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। जबकि सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नहीं था। कथा सुन रहे सभी श्रद्धालुओं ने भजन पर मंत्र मुग्ध होकर नृत्य किया। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन भगवान परशुराम जी के अवतरण दिवस पर कथा आयोजक महंत श्री दयानंद गिरी जी महाराज करा रहे हैं। कान्हा जी महाराज ने कहा कि कथा सुनने से मन की व्यथा दूर हो जाती है, यदि हृदय से कथा सुनेंगे तो आप को खुद ही साक्षात भगवान की अनुभूति होगी। कथा व्यास कान्हा जी महाराज ने बाल लीला में सभी असुरों के वध का भी उल्लेख किया। बुधवार को भागवत कथा सुनने के लिए अनेक श्रद्धालु पहुंचें थे।

शुक्रवार को विशाल भंडारा
रेणुका माता मंदिर के महंत श्री दयानंद गिरी महाराज जी ने बताया कि कथा के समापन पर शुक्रवार को नेमावर रोड स्थित माली खेड़ी के रेणुका माता मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें हजारों श्रद्धालु महाप्रसादी ग्रहण करेंगे।

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