गाँव का बेटा बना सेज विश्वविद्यालय का मंत्री, हर्ष राव गावड़े की प्रेरणादायक सफलता
इंदौर। इंदौर के पास स्थित छोटे से गाँव बरदरी के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे हर्ष राव गावड़े ने अपने गांव और परिवार का नाम रोशन करते हुए सेज विश्वविद्यालय में मंत्री पद की प्रतिष्ठित जिम्मेदारी संभाली है। हर्ष, जो एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से आते हैं, अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने पिता मल्हार राव गावड़े को देते हैं, जिन्होंने उनके हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया।
हर्ष का यह सफर आसान नहीं था। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और धैर्य से अपने सपनों को साकार किया। परिवार की सीमित आर्थिक स्थितियों के बावजूद हर्ष ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम बनाने का निश्चय किया और अपनी प्रतिभा एवं प्रयासों से उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया। सेज विश्वविद्यालय का मंत्री बनना न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार और गाँव के लिए भी गर्व का क्षण है।
मल्हार राव गावड़े, जो खुद एक किसान हैं, ने हर्ष को शिक्षा का महत्व समझाया और उन्हें अपने बलबूते पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। हर्ष ने अपने पिता के इस योगदान को खुले दिल से स्वीकार करते हुए कहा, "मेरी यह सफलता मेरे पिता के आशीर्वाद और उनके संघर्षों का फल है। उन्होंने हमेशा मुझे सिखाया कि मेहनत और ईमानदारी से कोई भी सपना साकार हो सकता है।"
हर्ष का यह पद केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उनके गाँव के लोग अब उन्हें गर्व से अपना "शान" मानते हैं और उनकी सफलता को नई पीढ़ी के लिए एक उदाहरण के रूप में देखते हैं। हर्ष ने अपनी इस उपलब्धि से यह साबित कर दिया कि गाँव का बेटा भी बड़े सपने देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है।
उनकी इस सफलता पर बरदरी गाँव में हर्ष का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और पूरे गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई है। हर्ष राव गावड़े की यह सफलता कहानी सिर्फ उनके गाँव तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल बनेगी जो अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से दुनिया में कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

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