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अगर आप महाकुंभ की पवित्र डुबकी लगाने का मन बना चुके हैं, तो सही तैयारी बेहद जरूरी है। 14 फरवरी तक सड़क मार्ग की तुलना में ट्रेन से प्रयागराज पहुंचना ज्यादा व्यावहारिक विकल्प है, लेकिन इसके लिए यात्रियों को भारी भीड़ से जूझना पड़ेगा। कम सामान लेकर चलें और 15-20 किलोमीटर तक पैदल चलने की हिम्मत रखें, तभी यह यात्रा संभव हो सकेगी।
यात्रा का सही तरीका
अगर आप महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाना चाहते हैं, तो किसी भी माध्यम से प्रयागराज से 100-150 किलोमीटर दूर स्थित रेलवे स्टेशनों तक पहुंचें। कई ट्रेनें वहां तक जाती हैं। मध्य प्रदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कटनी, सतना और माणिकपुर प्रमुख विकल्प हैं। यहां से आगे का सफर मुश्किल हो सकता है, लेकिन यही एकमात्र रास्ता है।
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माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान संगम क्षेत्र में भीड़ न बढ़े, इसके लिए प्रशासन ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। ट्रेनों को नैनी जंक्शन पर रोक दिया जा रहा है, जहां से यात्रियों को लगभग 15-20 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंचना होगा।
इसके अलावा, प्रशासन ने तीन दिनों के लिए मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। ऐसे में टू-व्हीलर और ई-रिक्शा की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होगी, जिससे पदयात्रा ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।
ट्रेनों में जगह पाना सबसे बड़ी चुनौती
यदि यात्री प्रयागराज के बाहरी स्टेशनों तक पहुंच भी जाते हैं, तो वहां से प्रयागराज तक जाने वाली ट्रेनों में चढ़ना और खड़े रहने की जगह पाना एक कठिन चुनौती होगी। इन ट्रेनों में भीषण भीड़ है, और केवल वे यात्री जो 3-4 घंटे का कठिन सफर करने को तैयार हैं, वही महाकुंभ तक पहुंच सकेंगे।
कम सामान, कम साथी, आसान यात्रा— यह इस महाकुंभ की सच्चाई है। जितना कम सामान होगा और जितने कम सहयात्री होंगे, उतना ही सफर सुगम होगा, क्योंकि ठसाठस भरे डिब्बों में जगह बनाना बेहद मुश्किल हो गया है।
यात्रा से पहले इन बातों का रखें ध्यान
✔ लंबी पदयात्रा के लिए तैयार रहें – 15-20 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ सकता है, इसलिए आरामदायक स्पोर्ट्स शू पहनें।
✔ कम सामान लेकर चलें – नैनी स्टेशन के पास होटल या होम स्टे में सामान रखा जा सकता है।
✔ छोटा बैग साथ रखें – स्नान के बाद पहनने के लिए कपड़े, पानी की बोतल और आवश्यक वस्तुएं छोटे बैग में रखें।
✔ धूल से बचाव करें – संगम मार्ग पर धूल ज्यादा होने के कारण मास्क का इस्तेमाल करें।
✔ बुजुर्गों और बच्चों को न लाएं – भीड़ और कठिन यात्रा को देखते हुए परिवार के बुजुर्गों और छोटे बच्चों को साथ लाने से बचें।
यदि आप इन तैयारियों के साथ प्रयागराज जाएंगे, तो महाकुंभ का अनुभव न केवल सुगम बल्कि यादगार भी बनेगा।
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