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तेज़ गर्मी के बाद अचानक बदला मौसम
बीते कुछ दिनों से इंदौर में तापमान तेजी से बढ़ रहा था। मंगलवार को अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक रहा। रात का तापमान भी सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा, यानी 26.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे रात में भी गर्मी से राहत नहीं मिली। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दस वर्षों में सिर्फ चार बार तापमान 42 डिग्री के पार गया है। 29 अप्रैल 2019 को अब तक का उच्चतम तापमान 43.5 डिग्री दर्ज किया गया था।
शहर में 40 से अधिक स्थानों पर पेड़ गिरे
नगर निगम के कंट्रोल रूम के मुताबिक शहर में 40 से ज्यादा स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। अग्रवाल पब्लिक स्कूल (जोन 19), जूनी इंदौर, बिचौली मर्दाना, सिंधी कॉलोनी और रणजीत हनुमान मंदिर क्षेत्र में पेड़ सड़कों पर गिर गए, जिससे यातायात ठप हो गया। मौके पर नगर निगम की टीमें रवाना की गईं, लेकिन तब तक लंबा जाम लग चुका था।
विवादित शेड हवा में उड़े, निर्माण गुणवत्ता पर सवाल
जिन शेडों को चौराहों पर धूप से बचाव के लिए लगाया गया था, वे तेज़ हवा में उड़ गए। इनकी गुणवत्ता पहले भी सवालों के घेरे में थी। विज्ञापन लगाने को लेकर इन शेडों का विरोध होता रहा है, और कई जगह से विज्ञापन हटाए भी गए थे। फिर भी संरचनाओं की मजबूती की जांच को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
बिजली आपूर्ति पर बड़ा असर, 35 फीडर बंद
तेज़ हवाओं से 35 से ज्यादा बिजली फीडरों में फॉल्ट हो गया, जिससे राजवाड़ा, राजमोहल्ला, रिंग रोड, भंवरकुआं, उज्जैन रोड, खंडवा रोड सहित कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। बिजली कंपनी के अनुसार, कई जगह बैनर और पेड़ की शाखाएं लाइन पर गिरने से आपूर्ति बाधित हुई। देर रात तक अधिकतर क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल कर दी गई थी, हालांकि पश्चिम डिवीजन सबसे अधिक प्रभावित रहा।
जाम से जूझती रही ट्रैफिक पुलिस
बिजली बंद होने से ट्रैफिक सिग्नल ठप हो गए और कई प्रमुख चौराहों पर लंबा जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस को मैनुअली व्यवस्था संभालनी पड़ी, जिससे कुछ घंटों में यातायात सामान्य हो सका।