RCB की जीत पर उमड़ा जनसैलाब, मची भगदड़: 11 की मौत, 33 घायल
बेंगलुरु में बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल जीत के उपलक्ष्य में आयोजित विक्ट्री परेड का जश्न एक भयावह त्रासदी में बदल गया। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हुए। इस घटना ने पूरे राज्य में शोक की लहर फैला दी और कर्नाटक सरकार की तैयारियों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए।

कैसे हुआ हादसा?
RCB ने मंगलवार को पंजाब किंग्स को हराकर 18 साल में पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीती थी। बुधवार को बेंगलुरु में इसकी खुशी मनाने के लिए एक विजय जुलूस और स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था। अनुमान के मुताबिक, 2 से 3 लाख प्रशंसक स्टेडियम और आसपास के इलाकों में जमा हो गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता मात्र 35,000 थी। पुलिस व्यवस्था और प्रवेश प्रबंधन विफल होने से भगदड़ मच गई।

पुलिस और सुरक्षा पर उठे सवाल
राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बताया कि 5,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। लेकिन विशेषज्ञों और जनता का कहना है कि लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह संख्या नाकाफी थी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि पुलिस की प्रतिक्रिया धीमी थी और शुरुआती लाठीचार्ज भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रहा।
जब शिवकुमार से पूछा गया कि पुलिस भीड़ को क्यों नहीं संभाल सकी, तो उन्होंने कहा, "वे सभी छोटे बच्चे हैं। हम उन पर लाठियां नहीं चला सकते।" साथ ही उन्होंने मृतकों की सही संख्या की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।

पूर्वानुमान की विफलता?
RCB की जीत एक ऐतिहासिक पल था, जिसकी प्रशंसक लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। पूरे राज्य ही नहीं, देशभर से लोग बेंगलुरु पहुंचे थे। ऐसे में सरकार की यह नाकामी कि वह इस अनुमान को भांप नहीं सकी और पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए, कई सवाल खड़े करती है।

राहत और सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख की अनुग्रह राशि और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “हम इस घटना का बचाव नहीं करना चाहते। राजनीति नहीं करेंगे।” साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट 15 दिन में मांगी गई है।

राजनीतिक आलोचना
भाजपा और जेडीएस ने कांग्रेस सरकार को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा ने कहा, “जब निर्दोष लोग मर रहे थे, तब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री क्रिकेटरों के साथ रील शूट करने में व्यस्त थे।” जेडीएस नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “यह त्रासदी सरकार की तैयारियों की विफलता का प्रमाण है। कांग्रेस सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

जनता की भावना
इस दुर्घटना ने जश्न के माहौल को गहरे शोक में बदल दिया है। प्रशंसकों को अब यह सवाल सताने लगा है कि क्या एक ऐतिहासिक जीत का ऐसा दुखद अंत जरूरी था? क्या जनसुरक्षा को इतनी आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है?
आरसीबी की पहली आईपीएल जीत एक अविस्मरणीय पल था, लेकिन भीड़ नियंत्रण में विफलता ने इस खुशी को एक राष्ट्रीय शोक में बदल दिया। यह हादसा स्पष्ट करता है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए बेहतर योजना और सख्त सुरक्षा प्रबंध अनिवार्य हैं।