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कॉलोनी सेल ने हाल ही में ऐसे 11 नामी कॉलोनाइजर्स को नोटिस भेजा है। नोटिस में साफ पूछा गया है आखिर विकास कार्य अब तक क्यों अधूरे हैं और क्यों न आपके प्लॉट जब्त कर लिए जाएं?
इन्हें भेजा गया है ताजा नोटिस:
- एसएस ग्रीन्स – श्रीनाथ जी डेवलपर्स (अमित गोयल), ग्राम बोरखेड़ी, महू
- जानशीला सिटी – जानशीला डेवलपर्स (विद्युत मित्तल), महूगांव
- ओएस्टर ग्रीन्स माउंट सिटी-2 – ब्लू हाईट्स डेवलपर्स (अरुण अग्रवाल), भिचौली हप्सी
- एस सिटी – जेएंडबी बिल्डर्स (अंकित जैन), पालाखेड़ी
- मां क्षिप्रा विहार – अरुण सिंह ठाकुर, पीरकराडिया
- स्मार्ट सिटी – मुस्तफा बोहर, गौतमपुरा देपालपुर
- गोल्डन वैली कॉलोनी – मुकेश, दुधिया भिचौली
- ट्रेजर फैंटेसी – वंडरलैंड रियल एस्टेट (नीरज जैन), रंगवासा राऊ
- एस3 मॉडर्न सिटी – एस3 इंफ्रास्ट्रक्चर (देवेंद्र श्रीवास), हातौद
- अचिरा पॉम – टोड़वाल रियलिटीज (मनोज श्रॉफ), सिमोल महू
- सिद्धि ओलंपिया – लिम्बोदागारी बिल्डकान (अतुल कांकरिया), मल्हारगंज
7 दिन में देना होगा जवाब
प्रशासन ने सभी कॉलोनाइजर्स से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो जिला प्रशासन कॉलोनियों को अपने कब्जे में लेकर विकास कार्य कराने की तैयारी में है। इसके लिए प्लॉट की नीलामी या बंधक प्लॉट की बिक्री जैसे विकल्पों पर काम किया जाएगा।
शिकायतों के बाद तेज हुई कार्रवाई
कलेक्टर आशीष सिंह को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई कॉलोनियों में सालों से विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। इस पर अपर कलेक्टर गौरव बैनल के निर्देशन में कॉलोनी सेल ने पुरानी मंजूरी वाली फाइलों की समीक्षा शुरू की और कार्रवाई तेज की।
पहले इन 17 बिल्डर्स को मिला था नोटिस:
- सतगुरु नगर (चोरल महू) – हरप्रीत सिंह भाटिया
- गिरीराज वैली वन और टू – दृष्टि देवकान (शैलेष माहेश्वरी)
- क्रिसेंट गार्डन सिटी – जेआरपी एल इस्टेट (अखिलेश कोठाड़ी)
- गार्डन सिटी – जेआरपी एल इस्टेट (अखिलेश कोठारी)
- श्री रेसिडेंसी – कृष्णमुरारी तिवारी
- शिवशक्ति नगर – केशर सिंह उर्फ गणेश
- रुचि लाइफस्केप – विशाल रिसॉर्ट्स एंड होटल्स (ऋषभ महाजन)
- गिरीराज सिटी – दृष्टि देवकान (शैलेष माहेश्वरी)
- लुणावत कासमास – संजय लुणावत
- जानशीला सिटी (ढाबली) – बंटी सिंह
- संस्कार सिटी – गणेश रावत
- शुभम सिटी – सिदार्थ कोठारी
- सुपर सिटी – विद्युत मित्तल
- न्यू शांति विहार – अनिल बाफाना
- बृजधाम कॉलोनी – एसबीडी डेवलपर्स (अरविंद दुबे)
क्या होगा आगे?
अगर सभी नामित बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो प्रशासन सीधे हस्तक्षेप करते हुए न सिर्फ कॉलोनियों को अपने कब्जे में लेगा, बल्कि विकास कार्य भी पूरा कराएगा। ये कदम इंदौर की कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने की दिशा में एक सख्त लेकिन ज़रूरी पहल मानी जा रही है।