इंदौर । विगत कुछ दिनों में खुले बाजार में प्याज की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा स्टॉक सीमा और संचलन निर्बधन हटाना आदेश-2016 के प्रावधान में संशोधन करते हुए स्टॉक सीमा और संचलन निर्बधन हटाना आदेश (दूसरा संशोधन) आदेश 2019 जारी किया गया है । इसके अंतर्गत प्याज पर 30 नवम्बर 2019 तक थोक विक्रेता एवं फुटकर विक्रेता पर स्टाक लिमिट लगाया गया है। इस संबंध में अपर कलेक्टर श्री कैलाश वानखेड़े द्वारा इंदौर जिले के थोक एवं फुटकर व्यापारियों की बैठक ली गई। बैठक में एडीएम श्री बीबीएस तोमर, खाद्य नियंत्रक श्री एल मुजाल्दा, सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्री प्रमोद गुप्ता, मंड़ी समिति के श्री एस मुनिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में व्यापारियों को उक्त स्टॉक लिमिट की जानकारी दी गई। इस संबंध में राज्य शासन के खाद्य एवं आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती नीलम शमी राव द्वारा जारी किये गये निर्देशों की जानकारी दी गई। व्यापारियों से अपेक्षा की गई की वे इस आदेश का पालन करें। पालन नहीं करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। बताया गया कि प्याज पर 30 नवम्बर 2019 तक जो लिमिट तय की गई है उसके अनुसार थोक व्यापारियों के लिये 50 मेट्रिक टन एवं फुटकर व्यापारियों के लिये 10 मेट्रिक टन अधिकतम सीमा रखी गई है। उक्त प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जाए। निर्देश दिये गये है कि जिले के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण कार्यालय के सहयोग से तथा पूर्व वर्षों की शासकीय प्याज खरीदी के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए प्याज के थोक एवं फुटकर व्यापारियों को सूचीबद्ध किया जाए। प्याज के व्यापारियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 तथा चोर बाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1980 के वैधानिक प्रावधानों से अवगत कराया गया। निर्देश दिये गये कि सूचना तंत्र विकसित करते हुए जमाखोरों के विरुद्ध निरीक्षण एवं छापे के माध्यम से नियमित जांच की जाए। अनियमितता पाई जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जाए। जिले के उपभोक्ता मंच आदि स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाये तथा उपभोक्ता हितों का ध्यान रखा जाये।
प्याज के स्टॉक की सीमा निर्धारित.