इंदौर। जिले में माह जुलाई,2019 से बायो मैट्रिक के आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था लागू की गई जो सफलता पूर्वक संचालित हो रही है, तथा अच्छे परिणाम प्राप्त होने पर यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में माह अक्टूबर,2019 से लागू कर दी गई है। जिसमें हितग्राहियों को अधार सत्यापन के माध्यम से राशन वितरण किया जाता है। बायो मैट्रिक प्रक्रिया के बाद हितग्राही स्वयं या उसके परिवार का व्यक्ति ही राशन ले जा सकता है, जिसका उस पात्रता पर्ची में नाम एवं आधार सीड रहता है। अन्य कोई व्यक्ति उसका राशन नहीं ले जा सकता है, यदि किन्ही कारणों से पात्र परिवार के सदस्यों का अधार सत्यापित नहीं हो पाता है तो एसी स्थिति में उपभोक्ता नॉमिनेशन पोलिसी को राशन दिया जा सकता है।
बायो मैट्रिक की सारी व्यवस्था रियल टाइम है, जिससे वेबसाइट पर दिखाई जानकारी हर पाल अपडेट होती है। इस तरह पूरे प्रदेश में राशन वितरण की मॉनिटरिंग आसानी से कहीं से भी की जा सकती है लाभार्थी सत्यापन जैसी व्यवस्था से हितग्राही का आधार रियल टाइम में अपडेट करके उसे समय राशन दिया जा सकता है। Portability के माध्यम से अब हितग्राही मध्यप्रदेश में किसी भी राशन दुकान से अपना आधा वेरिफाई कर राशन से ले जा सकता है। इस व्यवस्था में यदि कोई मजदूर/हितग्राही जिसकी पात्रता खाद्य विभाग के पोर्टल पर प्रदर्शित हो रही है। यदि वह किसी कारणवश उसकी संलग्न दुकान से राशन लेने में असमर्थ है तो वह प्रदेश में जहां वह रह रहा है, वहां से राशन प्राप्त कर सकता है। इस व्यवस्था से वह मजदूर हितग्राही अधिक लाभान्वित होंगे, जो कार्य की तलाश में अपने घर को छोड़कर अन्य स्थान पर कार्य करने या जा रहे हैं।
उचित मूल्य दुकान से वितरण की जाने वाली राशन सामग्री पर सतत निगरानी रखने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव के निर्देशन में एनआईसी इंदौर एवं खाद्य विभाग द्वारा rifps एप्प का निर्माण किया गया है, जिसके तहत जिले की शासकीय उचित मूलय राशन दुकानों की जांच राजस्व सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मोबाइल एप्प पर की जा रही है तथा जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होने से मॉनिटरिंग बेहतर एवं तेज हो जायेगी। जांच के इस मॉडल को प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल द्वारा सराहा गया है।