जिनेवा। देश में कोरोनावायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट तेजी से फैल रहा है और बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के पीछे सिर्फ डेल्टा प्लस वेरिएंट ही हो सकता है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में कई विशेषज्ञों ने कहा है कि यह कोरोनावायरस का अब तक का सबसे संक्रामक म्यूटेंट है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इससे निपटने के लिए पहले ही अहम कदम उठाने होंगे। संगठन का कहना है कि अगर डेल्टा प्लस वेरिएंट को फैलने से रोकना है तो वैक्सीन के साथ-साथ मास्क और दो गज जैसे कदम भी उठाने होंगे।
संगठन का कहना है कि टीकाकरण के साथ-साथ मास्क भी बहुत जरूरी है क्योंकि डेल्टा के खिलाफ सिर्फ वैक्सीन ही कारगर नहीं है। हमें कम समय में तैयारी करनी होगी, नहीं तो हमें एक बार फिर से लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ेगा। यूट्यूब पर एक शो में रूस की विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि मेलिता वुजनोविक ने यह सारी जानकारी दी।
वुजनोविक ने कहा कि टीकाकरण बहुत जरूरी है क्योंकि इससे संक्रमण की दर कम होती है और बीमारी के गंभीर होने की संभावना भी कम होती है। आपको बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट बहुत आसानी से फैलता है और फेफड़ों में भी आसानी से पहुंच जाता है। आपको बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को गले से फेफड़ों तक जाने में ज्यादा समय नहीं लगता है।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महीने की शुरुआत में डेल्टा वेरियंट को चिंता के एक वेरियंट की श्रेणी में रखा था। डेल्टा वेरियंट की वजह से कई देशों में कोरोना संक्रमण ज्यादा तेजी से फैला। देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला मार्च में आया था और अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जानकारी दी थी कि डेल्टा प्लस वेरिएंट देश के 12 राज्यों में मौजूद है और सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। इसके अलावा डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला शनिवार को गुजरात में मिला। इसके अलावा डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले लुधियाना और चंडीगढ़ में पाए गए हैं।