अब रेलवे के '3E' क्लास में एसी यात्रा का मजा स्लीपर से थोड़े अधिक किराए पर मिलेगा



नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं जब आप स्लीपर के किराए से कुछ अधिक में वातानुकूलित कोच यात्रा का आनंद ले सकेंगे। दरअसल, रेलवे ने एक नया कोच विकसित किया है। इस कोच के साथ रेलवे जल्द ही ट्रेनों में एसी इकोनॉमी क्लास शुरू करने जा रहा है। हालांकि इस क्लास का किराया अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसका किराया स्लीपर क्लास से थोड़ा ज्यादा होगा। इस वर्ग के लिए कोड '3E' के रूप में दिया गया है जबकि बॉक्स के बाहर इसे 'M' के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

1. इस एसी कोच में कितनी बर्थ होती है?
अब तक देश में चलने वाले सभी एसी कोचों में अधिकतम 72 बर्थ का प्रावधान है। लेकिन इस एसी 3 इकोनॉमी कोच में 83 बर्थ का प्रावधान है। भले ही इस कोच में बर्थ की संख्या बढ़ा दी गई हो, लेकिन इससे यात्रियों को ज्यादा असुविधा नहीं होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस कोच को जर्मन तकनीक एचएचबी प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया है। यह भारतीय रेलवे के पारंपरिक कोच से दो मीटर लंबा है।
2. क्या यह रेलवे का नया वर्ग होगा?
रेलवे ने एसी इकोनॉमी कोच को नए वर्ग के रूप में चलाने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक एसी-3 एंट्री लेवल एसी कोचों के लिए एसी इकोनॉमी क्लास बनाई गई है। टिकट में इस वर्ग '3E' का नाम छपा होगा। इस श्रेणी को ट्रेन के डिब्बों के बाहर 'M' के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
3. तो क्या गरीब रथ के कोच की तरह टीम में तीसरी बर्थ जोड़ी गई है?
इस कोच की साइड बर्थ में कोई तीसरा बर्थ नहीं जोड़ा गया है। लगभग एक दशक पहले रेलवे द्वारा 'एसी इकोनॉमी' का इस्तेमाल गरीब रथ के रूप में किया जाता था। लेकिन यह सफल साबित नहीं हुआ क्योंकि अधिक से अधिक लोगों को ले जाने के लिए इसके साइड बर्थ में अतिरिक्त मिडिल बर्थ लगाए गए थे। इस वजह से इसमें सफर आरामदायक साबित नहीं हो सका।
4. ये कोच कहां बने हैं?
इस कोच को रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला, भारतीय रेलवे के इंजीनियरों द्वारा विकसित किया गया है। वहां प्रोटोटाइप कोच बनाने के बाद इसका परीक्षण किया गया। ट्रायल में सफल होने के बाद 25 से ज्यादा कोच भी बनाए गए हैं, ताकि इन कोचों को किसी भी नियमित ट्रेन में जोड़ा जा सके। इस कोच को मॉड्यूलर बनाया गया है ताकि यात्रियों को यात्रा करने में कोई परेशानी न हो। इसमें एक फोल्डेबल स्नैक टेबल, पानी की बोतल, मैगजीन और मोबाइल फोन स्टोरेज स्पेस भी है। प्रत्येक बर्थ के साथ रीडिंग लाइट, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट और स्टैंडर्ड सॉकेट भी लगे हैं।
5. इस नए वर्ग का किराया कितना होगा?
इस कोच का किराया अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन इस कोच का किराया तय करने में उन लोगों का ध्यान रखा जाएगा जो इस समय स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इसका किराया स्लीपर से थोड़ा ज्यादा हो सकता है, लेकिन एसी थ्री टियर से काफी कम होगा। इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

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