पीएम ने की उच्च स्तरीय बैठक, दी ऑक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी

नई दिल्ली। देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दी है। पीएमओ ने कहा कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश भर में 1500 से ज्यादा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बन रहे हैं, जिन पर और तेजी से काम करने की जरूरत है। इसके अलावा पीएम मोदी ने तीसरी लहर से पहले सारे इंतजाम ठीक करने को कहा। 
पीएमओ ने कहा कि पीएम केयर्स फंड से दिए गए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट से चार लाख से ज्यादा ऑक्सीजन बेड की मदद मिलेगी। पीएमओ ने आगे कहा कि समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऑक्सीजन प्लांट पर काम तेजी से किया जाए ताकि ये सभी जल्द से जल्द काम करना शुरू कर दें। 
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऑक्सीजन प्लांट के संचालन और रखरखाव पर अस्पताल के कर्मचारियों का पर्याप्त प्रशिक्षण हो। वहीं अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से कहा कि ऑक्सीजन प्लांटों की फास्ट-ट्रैकिंग को लेकर वे राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क में हैं। 
प्रधान मंत्री मोदी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि सरकार को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इन ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रदर्शन और कामकाज की निगरानी के लिए IoT जैसी उन्नत तकनीक को तैनात करने पर ध्यान देना चाहिए।
अधिकारियों ने उन्हें विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल से अवगत कराया, जिसका उद्देश्य देश भर में लगभग 8,000 लोगों को प्रशिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रदर्शन की निगरानी के लिए आईओटी का उपयोग करने के लिए एक पायलट भी किया जा रहा है।
बता दें कि मई-जून में अचानक से कोरोना के मामले बढ़ने के बाद देश के कई राज्यों में जीवन रक्षक ऑक्सीजन की कमी के मामले भी सामने आए। तब से सरकार द्वारा ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम भी उठा रहे हैं कि भविष्य में ऑक्सीजन की कमी न हो। उल्लेखनीय है कि महामारी की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज को मंजूरी दी। 

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