भोपाल। मध्य प्रदेश में कक्षा 11वीं और 12वीं की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने के साथ ही शिक्षकों के टीकाकरण को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। भोपाल जिले में डीईओ ने टीकाकरण नहीं कराने वाले शिक्षकों को वेतन नहीं देने के निर्देश दिए हैं। टीका नहीं लगने का सही कारण नहीं बताने वाले शिक्षकों का एक माह का वेतन काटा जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि शिक्षकों का टीकाकरण कराने के लिए हर स्कूल में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। भोपाल जिले में 17 केंद्र बनाए गए हैं।
अभी तक 92 शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की पहली खुराक नहीं मिली है। 31 जुलाई तक 6 दिन के भीतर टीका नहीं लगने का सही कारण नहीं बताने वाले शिक्षकों का एक माह का वेतन काटा जाएगा। शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों को टीकाकरण प्रदान करने के लिए राज्य भर के हर स्कूल में टीकाकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश में 30 से 40 हजार शिक्षकों का टीकाकरण
शिक्षक कांग्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है कि भोपाल जिले में 1000 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है। सभी जिलों में भोपाल जिला सबसे छोटा है। राज्य भर में करीब 30 से 40 हजार शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की पहली खुराक नहीं दी गई है। अब शिविर के माध्यम से शिक्षकों का टीकाकरण करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि यह तैयारी स्कूल खोलने से पहले बड़े पैमाने पर कर ली जानी चाहिए थी। इन आंकड़ों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि भोपाल जिले में 1100 नहीं 92 शिक्षक हैं, जिन्हें वैक्सीन की पहली खुराक नहीं दी गई है। हमारे पास उन शिक्षकों की सूची है जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है। सभी लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने के लिए 5 से 6 दिन का लक्ष्य रखा गया है।
कलेक्टरों को निर्देश
एमपी के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने राज्य भर के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। स्कूल खुलने के ठीक एक दिन पहले मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण को लेकर आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया कि राज्य भर के सभी स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। 26 से 31 जुलाई तक सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को 6 दिन में स्कूल-कॉलेज में टीकाकरण केंद्र स्थापित कर वैक्सीन की पहली खुराक पूरी तरह पिलाई जाए।
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