नई दिल्ली। एक नए सर्वे में सामने आया है कि देश में कोरोना से निपटने के लिए शहरी गरीब और ग्रामीण आबादी की तैयारी बेहद कम है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कई शहरी गरीब और ग्रामीण परिवारों में बुनियादी चिकित्सा उपकरणों की कमी है। जुलाई 2021 में 10 राज्यों में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 7,116 घरों में से केवल 20 प्रतिशत के पास थर्मामीटर था और लगभग 50 प्रतिशत के पास बुखार, सिरदर्द जैसे लक्षणों के इलाज के लिए दवाएं उपलब्ध थीं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 9 प्रतिशत घरों में ऑक्सीमीटर थे, जबकि 3 प्रतिशत के पास ऑक्सीजन सिलेंडर की पहुंच थी। इसके अलावा, केवल 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं को पता था कि COVID लक्षणों के मामले में आस-पास के चिकित्सा आपूर्तिकर्ताओं / दुकानों का उपयोग किया जा सकता है।
लोगों में जानकारी का अभाव
उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, राजस्थान जैसे 10 राज्यों में लोग COVID-19 वायरस के नए रूपों और संबंधित लक्षणों से काफी हद तक अनजान हैं। उत्तरदाताओं को यह भी नहीं पता था कि एक कोविड सकारात्मक रोगी को अस्पताल में कब भर्ती करना है। जहां 88 प्रतिशत उत्तरदाताओं को COVID रोगियों के लिए होमकेयर के बारे में पता है, वहीं 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके पास सकारात्मक परिवार के सदस्यों को अलग करने की व्यवस्था है।
39,742 नए मामले
देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 39,742 नए मामले सामने आने के बाद कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 3,13,71,901 हो गए हैं जबकि 535 और मरीजों की मौत से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,20,551। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह 8 बजे के आंकड़ों के मुताबिक, देश में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या घटकर 4,08,212 हो गई है और राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 से ठीक होने की दर 97.36 फीसदी है। पिछले 24 घंटे में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में 765 की कमी आई है।
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