वहीं, एक बार फिर चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग ने राज्य के जिला पंचायत अध्यक्षों को आरक्षण देने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। पत्र में चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
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राज्य चुनाव आयोग ने एक बार फिर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची 1 जनवरी 2021 के आधार पर तैयार की जा रही है, हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि राज्य में पंचायत चुनाव कब कराए जाएंगे। इस मामले में चुनाव आयोग समेत सरकारी प्रशासन का कहना है कि चुनाव आगामी तीसरी लहर की संभावना पर निर्भर है।आगामी लहर की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया जाएगा। वही जनपद पंचायत में अध्यक्ष, सदस्य और सरपंच के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। पहले किए गए आरक्षण के आधार पर चुनाव होंगे। जिसकी जानकारी राज्य चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।
वही निकाय चुनाव की बात करें तो नगर निकाय चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया का मामला कोर्ट में अटका हुआ है। दरअसल हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया था कि निकाय में आरक्षण रोटेशन के आधार पर होना चाहिए, जबकि शिवराज सरकार का कहना है कि जनसंख्या के आधार पर महापौर, अध्यक्ष आदि को जातिगत आरक्षण दिया जाता है। तैयार किया जाना चाहिए। जिसमें ग्वालियर बेंच ने संविधान के अनुसार रोटेशन के आधार पर चुनाव कराने का फैसला दिया था। इसको लेकर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। फैसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं, राज्य में निकाय चुनावों की स्थिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही स्पष्ट होगी।
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