जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण पर रोक
शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला किया है। यह दूसरी बार है जब पदों के आरक्षण की प्रक्रिया को टाला गया है। राज्य सरकार ने कमलनाथ सरकार के तहत पंचायतों का परिसीमन रद्द कर दिया था। इसी के चलते अब 2014 में आरक्षण के आधार पर चुनाव हो रहे थे। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण कराने का कार्यक्रम घोषित किया गया।
आरक्षण की प्रक्रिया 14 दिसंबर को होनी थी, लेकिन आरक्षण के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका को देखते हुए इसे चार दिन बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण फिलहाल के लिए टाल दिया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्ग की महिलाओं के लिए लॉटरी निकालकर आरक्षण किया जाएगा।
कानूनी सलाह ले रहा है राज्य चुनाव आयोग
पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच मंथन का दौर शुरू हो गया है। दोनों अपने-अपने स्तर पर कानूनी सलाह ले रहे हैं। उसके बाद ही चुनाव को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।
यह है आरक्षण व्यवस्था
राज्य के 52 जिलों के अनुसार आठ जिला पंचायतों को अनुसूचित जाति, 14 अनुसूचित जनजाति और 13 अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया जा रहा था। राज्य में आरक्षण की व्यवस्था के तहत जिले में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 50 प्रतिशत से कम है।
इनका कहना है
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जांच की जा रही है। कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
बीएस जमोद, सचिव राज्य चुनाव आयोग
आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें
विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।