शिवराज सरकार ने एमपी पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद खेला बड़ा दांव, लागू किया नया अध्यादेश
इंदौर। 
पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने नया दांव खेला है सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान हुए परिसीमन को फिर से खत्म कर दिया है। इसके लिए मध्य प्रदेश में एक नया अध्यादेश लागू हो गया है। पंचायत एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश राज्य में लागू कर दिया गया है। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2021 की अधिसूचना में कहा गया है कि यदि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से ऐसे परिसीमन के प्रकाशन की तिथि से 18 माह की अवधि के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो प्रकाशित परिसीमन और विभाजन को रद्द माना जाएगा।

1200 नई पंचायतें बनीं
इस बड़े फैसले के बाद अब नए सिरे से परिसीमन की प्रबल संभावना है। इससे पहले, सरकार ने एक महीने पहले 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान परिसीमन और आरक्षण को समाप्त करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था, जिसे 26 दिसंबर को वापस ले लिया गया था। कमलनाथ सरकार ने 2019 में जिले से ग्राम पंचायतों में नया परिसीमन लागू कर प्रदेश में करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थीं

राज्य चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द कर दिए गए हैं सरकार ने चुनाव से संबंधित अध्यादेश को वापस ले लिया, जिसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी और चुनाव आयोग ने भी पंचायत चुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद एक और बड़ी खबर सामने आई कि मप्र में पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है इसके अनुसार मप्र में अब पंचायत चुनाव संशोधित मतदाता सूची के आधार पर होंगे। पंचायत चुनाव रद्द होने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने यह बड़ा फैसला लिया है

ताजा मतदाता सूची
अब नए सिरे से पंचायत चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा। 1 जनवरी, 2022 से पहले 18 साल के हो चुके युवा भी इस मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग के निर्णय के आधार पर अब 1 जनवरी 2022 को मतदाता सूची के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे

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