उन्होंने कहा कि 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था।उस समय हमें पूर्ण बहुमत मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें बड़ी जीत मिली है। फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे से कहते रहे कि आप महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन) सरकार से बाहर निकलिए, लेकिन उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की एक नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने ऐसे लोगों के साथ सरकार बनाई, जिनके साथ उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया। ढाई साल तक कोई प्रगति नहीं हुई। उद्धव के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार चली। शिवसेना के कई नेता महा विकास अघाड़ी सरकार को लेकर उद्धव ठाकरे से खफा थे।
क्या कहा एकनाथ शिंदे ने?
वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैंने जो फैसला लिया, आप सब जानते हैं। आप भी जानिए किन परिस्थितियों में लिया गया फैसला। मैं बालासाहेब के हिंदुत्व को आगे बढ़ाने का काम करूंगा। सभी 50 विधायक एक साथ हैं। हमने अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं के बारे में कई बार मुख्यमंत्री को बताया। मुख्यमंत्री ने कभी हमारी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के लिए लिए गए निर्णय पर शिंदे ने कहा कि अंतिम दिनों में किए गए काम बहुत पहले हो जाने चाहिए थे।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि संख्या के मामले में देवेंद्र फडणवीस हमसे काफी आगे हैं। उनके पास खुद के 106 विधायक हैं। लेकिन उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए बालासाहेब के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया है। देवेंद्र फडणवीस जैसा व्यक्ति मिलना मुश्किल है। इतना बड़ा पद किसी और को देना राजनीति में बहुत काम है। बालासाहेब ठाकरे के एक शिवसैनिक को मौका दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जो 50 विधायक मेरे साथ हैं। मैं उन सभी को भी धन्यवाद देता हूं। इन सभी लोगों ने एकनाथ शिंदे जैसे छोटे कार्यकर्ता का समर्थन किया है। 39 शिवसेना और 11 निर्दलीय हमारे साथ हैं। इस राज्य के लोगों ने जो उम्मीद की थी, उसे पूरा करने के लिए हम दिन-रात मेहनत करेंगे।
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