गौरतलब है कि इस बार भाजपा में महापौर प्रत्याशी तय करने को लेकर काफी खींचतान हुई। वर्षों बाद यह स्थिति बनी कि भाजपा को इतनी समस्याओं का सामना करना पड़ा। कहा गया था कि गुरुवार रात को सूची जारी कर दी जाएगी, लेकिन कुछ वार्डों में सहमति नहीं बनने के कारण यह स्थिति पैदा हो गई है। करीब 35 ऐसे वार्ड थे जहां मामला बड़े नेताओं के बीच उलझा हुआ था। कहीं कैलाश विजयवर्गीय और सिंधिया समर्थकों के बीच नोकझोंक हुई तो कहीं सुमित्रा महाजन फंस गईं। कहीं मालिनी गौर के नाम तो कहीं सांसद शंकर लालवानी जैसे लोगों के बीच मामला उलझ गया। संगठन के कुछ नाम भी थे, जिसकी वजह से आम सहमति नहीं बन पाई।
शुक्रवार को भी वार्डों में प्रत्याशी को लेकर बैठक चल रही थी, लेकिन नाराजगी और बढ़ गई। जब खबर आई कि बैठक में सांसद लालवानी के नाम की घोषणा होने की जानकारी होने पर भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए। सामान्य सीट से पिछड़े वर्ग के नेताओं को टिकट देने का विरोध किया गया। कुछ ही देर में जमकर नारेबाजी हुई और हालात ऐसे हो गए कि भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदीव को कमरा छोड़कर बाहर जाना पड़ा। बाद में काफी मंथन हुआ और देर शाम भाजपा ने सभी वार्डों के पार्षद उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।
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