एक फोन कॉल और खाली हो जाएगा आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स
इंदौर। 
देश में बैंक फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग बैंकिंग करते समय सावधानी बरतें। बैंकिंग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना सभी के लिए जरूरी है। साइबर अपराधी हाल के वर्षों में सक्रिय हो गए हैं। व्यक्ति के साथ बैंक फ्रॉड करने के लिए ये कई नए-नए तरीके अपना रहे हैं। विशिंग बैंक धोखाधड़ी करने का एक तरीका है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
 
विशिंग क्या है?
विशिंग एक अपराधी द्वारा एक फोन कॉल के माध्यम से गोपनीय जानकारी प्राप्त करने का एक प्रयास है। यूजर आईडी, लॉगिन और ट्रांजैक्शन पासवर्ड, ओटीपी (वन टाइम यूज पासवर्ड), यूआरएन (यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर), कार्ड पिन, ग्रिड कार्ड वैल्यू, सीवीवी या कोई भी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्म तिथि, माता का नाम आदि लेते हैं। 
अपराधी बैंक प्रतिनिधि होने का दावा करता है और फोन पर आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको बरगलाता है। इन विवरणों का उपयोग तब आपकी सहमति के बिना आपके खातों तक पहुंचने के लिए किया जाता है। जिसकी वजह से उसे वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है।
 
विशिंग से कैसे बचें?
  • आपका बैंक आपके कुछ व्यक्तिगत डेटा से अवगत है। ऐसे किसी भी कॉलर से सावधान रहें जो यह कहता है कि वे आपके व्यक्तिगत विवरण जैसे कि पहला और अंतिम नाम नहीं जानते हैं। अगर आपको ऐसा कॉल आता है तो कृपया अपने बैंक को सूचित करें।
  • इसके अलावा कभी भी टेलिफोन सिस्टम पर अपनी कोई निजी या अकाउंट की डिटेल्स को न छोड़ें। यदि आपके पास किसी ईमेल या एसएमएस द्वारा कोई फ़ोन नंबर प्राप्त होता है, तो कृपया उसमें अपना विवरण सबमिट न करें। खासकर यदि यह आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते की सुरक्षा से संबंधित है। 
  • जब कोई फ़ोन नंबर प्रदान किया जाता है, तो सबसे पहले आपको अपने क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते के पीछे दिए गए फ़ोन नंबर के वेरिफाई करना चाहिए कि क्या वह असल में बैंक का है या नहीं।

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