भाई दूज की तिथि को लेकर असमंजस: 14 या 15 नवंबर, तिलक का शुभ मुहूर्त कब?
इंदौर। गोवर्धन पूजा की तरह ही लोगों में भाई दूज की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि यह त्योहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा या फिर 15 नवंबर को। शुभ तिथि दो दिन के बीच में पड़ने की वजह से त्योहारों पर अक्सर ये कन्फ्यूजन बन जाता है। अगर आप भी इसी कंफ्यूजन में हैं कि आखिर कब मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व और किस शुभ मुहूर्त में करें भाई को तिलक, तो जानने के लिए पढ़ें ये लेख।

भाई दूज कब मनाया जाता है?
हिंदू धर्म में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है। रक्षाबंधन की तरह ही यह पर्व भाई बहन के प्रेम और स्नेह के लिए समर्पित होता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और मौली बांधने की परंपरा है। यह त्योहार गोवर्धन पूजा के अगले दिन और दिवाली के 2 दिन बाद मनाया जाता है।

भाई दूज का महत्व
भाई दूज का पर्व बहन भाई के रिश्ते को मजबूती देने का प्रतीक माना जाता है। भाई दूज के दिन बहनें नहा धोकर पूजा करती हैं और फिर भाई को तिलक लगाती हैं, जिसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। भाई दूज को मनाने के पीछे पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के बुलाने पर घर गये थे जिसके बाद बहन यमुना ने यम को तिलक लगाकर उनका बहुत आतिथ्य किया और फिर नारियल का गोला भेंट किया था। तब से ही भाई दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई। इस दिन जो भी भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन करते हैं और उनका सत्कार स्वीकार करते हैं तो उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 15 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार उदया तिथि की वजह से भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस तिथि के दौरान किसी भी समय बहनें भाइयों को तिलक कर सकती हैं। 15 नवंबर को भाई दूज के दिन राहुकाल दोपहर 12:03 से 1:24 तक है। ऐसे में राहुकाल के समय में तिलक नहीं करना चाहिए। भाई दूज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:44 से लेकर 9:24 तक रहेगा।

भाई दूज कैसे करें
भाई दूज पर तिलक करने से पहले आपके पास पर्याप्त पूजा सामग्री होना बहुत जरूरी है इसके लिए आप एक थाली, छोटा दीया, टीका, रोली, चावल, नारियल, बताशे, पान के पत्ते और मिठाई लें। तिलक करने से पहले बहनें सुबह नहाकर साफ सुथरे कपड़े पहन लें। फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में बिठाकर रोली और अक्षत से तिलक लगाकर नारियल भेंट के तौर पर देना चाहिए। तिलक लगाने से पहले भाई अपने सिर पर कोई कपड़ा या रुमाल अवश्य बांध लें। तिलक लगवाने के बाद भाइयों को बहनों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए और कुछ उपहार जरूर दें।

भाई दूज पर तिलक करते समय ये बातें ध्यान रखें
  • बहनें भाई को तिलक लगाते समय ध्यान रखें कि तिलक का स्थान हमेशा भाई के माथे के बीच में होना चाहिए।
  • तिलक करते समय रोली और अक्षत को एक साथ मिलाकर लगाएं।
  • तिलक लगाने के बाद भाई को नारियल भेंट करें।
  • भाई को तिलक लगाने के बाद बहनें उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।
भाई दूज का त्योहार भाई बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है।

आप विश्वगुरु का ताजा अंक नहीं पढ़ पाए हैं तो यहां क्लिक करें


विश्वगुरु टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं