युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, इंदौर बना स्पा सेंटरों की आड़ में गंदे धंधों का अड्डा, प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने उठाई मांग, कहा अब बर्दाश्त नहीं होगा नैतिक पतन

इंदौर। प्रदेश की सबसे तेजी से विकसित होती नगरी इंदौर इन दिनों एक गंभीर सामाजिक संकट की गिरफ्त में है। जहां एक ओर इसे देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया जा चुका है, वहीं दूसरी ओर शहर के विभिन्न हिस्सों में तेजी से फैलते स्पा सेंटर अब हेल्थ वेलनेस की जगह अनैतिक गतिविधियों के अड्डे बनते जा रहे हैं। हाल ही में कई स्पा सेंटरों पर प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी में जिस तरह की शर्मनाक गतिविधियां उजागर हुईं, उसने समाज को झकझोर कर रख दिया है।
इसी मुद्दे पर वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल ने सरकार और प्रशासन पर तीखा प्रहार करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि इंदौर में जो कुछ हो रहा है, वह केवल एक शहर तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के नैतिक स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। युवा पीढ़ी को जिस दिशा में धकेला जा रहा है, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने आगे कहा कि स्पा सेंटर के नाम पर जिस प्रकार से देह व्यापार जैसी घिनौनी गतिविधियाँ चल रही हैं, वह अब किसी से छुपी नहीं। यदि अब भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा रहा, तो यह स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।
फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में सभी स्पा सेंटरों की सघन जांच कराई जाए।
जहां भी अनैतिक गतिविधियां पाई जाएं, उन केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद कर उनके संचालकों को सलाखों के पीछे डाला जाए।
स्थानीय थाना प्रभारियों और नगर निगम अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, जिनके क्षेत्र में यह सब खुलेआम फल-फूल रहा है।
श्री अग्रवाल ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस पर जल्द संज्ञान नहीं लेती, तो फेडरेशन प्रदेशव्यापी आंदोलन और जनजागरण अभियान शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह अब केवल सामाजिक शुद्धिकरण का सवाल नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के चरित्र और संस्कृति की रक्षा का विषय है।
इंदौर की हाल की घटनाओं को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा, जब एक के बाद एक स्पा सेंटरों से आपत्तिजनक गतिविधियाँ उजागर हो रही हैं, तब यह प्रश्न उठना लाजमी है कि प्रशासन की आंखें आखिर किस बात का इंतजार कर रही हैं?
समाज के विभिन्न संगठनों ने भी फेडरेशन की इस मांग का समर्थन किया है और सरकार से आग्रह किया है कि वह अब केवल दर्शक बनकर न बैठे, बल्कि जिम्मेदारी के साथ कार्यवाही कर समाज में नैतिकता की पुनर्स्थापना करे।